Morbi Cable Bridge Accident: गुजरात (Gujarat) के मोरबी जिले में हुए केबल ब्रिज हादसे (Cable Bridge Accident) में मृतकों की संख्या 140 के पार हो गई है. रविवार (30 अक्टूबर) की शाम पुल के टूट जाने से हुए हादसे को लेकर विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी (BJ) पर आरोप लगाए हैं. इस हादसे को लेकर एबीपी न्यूज (ABP News) ने मोरबी नगर पालिका के वाइस प्रेसिडेंट जयराज सिंह जडेजा से बातचीत की. जयराज ने एबीपी न्यूज की इस खास बातचीत में ओरेवा कंपनी (Orewa Company) के मालिक जयसुख पटेल का नाम लिया.


उन्होंने कहा कि जयसुख पटेल ने इस पुल की लिखित गारंटी दी थी. उस गारंटी पर कलेक्टर ने भी साइन किए थे. यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि नगर पालिका को पता नहीं था कि ब्रिज खोल दिया गया है. नगरपालिका को हादसे के बाद जाकर ब्रिज को खोले जाने के बारे में पता चला. उन्होंने कहा कि जब इस पुल को नगर पालिका ऑपरेट करती थी उस वक्त पुल का दोनों छोर मिलाकर कुल 20 लोगों को इस पुल पर जाने की अनुमति मिलती थी.


ओरेवा कंपनी पर लगा आरोप


मोरबी पुल हादसे में नगर पालिका उपाध्यक्ष का यह बयान ओरेवा कंपनी और उसके मालिक जयसुख पटेल की मुश्किलें खड़ी कर सकता है. दरअसल, इस हादसे के लिए अभी तक पुल की देखरेख कर रही ओरेवा कंपनी को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. कंपनी पर आरोप है कि उसने हादसे वाले दिन ज्यादा टिकट बेचने के चक्कर में पुल पर तय से अधिक लोगों को सवार होने की इजाजत दी, जिसके कारण यह दर्दनाक हादसा हुआ है. शुरुआती जानकारी में यह बात सामने आई है कि, जिस समय यह हादसा हुआ उस वक्त पुल पर 400 से ज्यादा लोग सवार थे. 


एक्शन में आई पुलिस


ताजा जानकारी के मुतबाकि, पुलिस ने इस मामले नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पहले इन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही थी, जिसके बाद पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार लोगों में 2 मैनेजर, 2 ठेकेदार, जिसमें एक पिता तो दूसरा उसी का पुत्र है. 3 सिक्योरिटी गार्ड और 2 टिकट क्लर्क शामिल है. साथ ही इस मामले की जांच के लिए पुलिस ने एक विशेष जांच दल का गठन भी कर दिया है. 


गुजरात पुलिस ने पुल के रखरखाव और मेनटेंनेंस का काम करने वाली एजेंसियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस के मुताबिक, रविवार (30 अक्टूबर) शाम मोरबी में माच्छू नदी पर बना पुल गिरने से कम से कम 141 लोगों की मौत हो गई. मच्छू नदी पर बने पुल को मरम्मत के लिए सात महीने से बंद कर दिया गया था. इसे दिवाली के एक दिन बाद यानी 26 अक्टूबर गुजराती नव वर्ष पर जनता के लिए फिर से खोल दिया गया था. जिसके बाद यह हादसा हो गया.


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