नई दिल्लीः अमृतसर रेल हादसे के पांचवे दिन रावण दहन कार्यक्रम के आयोजक सौरभ मदान उर्फ मिट्ठू मदान को एबीपी न्यूज ने ढूंढ निकाला है. मिट्ठू मदान ने कहा कि हादसे के बाद मैं डर गया था और मैं अंडरग्राउंड नहीं था और अमृतसर में ही था. रावण दहन के बाद हुए हादसे के बाद लोग मुझे मारने आ रहे थे, मेरे घर पर पथराव कर रहे थे और भड़के हुए थे लिहाजा मुझे वहां से निकलना पड़ा. हादसे के बाद मैं डर गया था और इसलिए मैं अस्पताल भी नहीं जा पाया और तबसे अपने घर भी नहीं जा पा रहा हूं. हालांकि अब मैं लोगों की परेशानी जानने के लिए उनके पास जाउंगा और अब छुपा नहीं रहूंगा.


मिट्ठू मदान के बताया कि हमने स्टेज से कई बार बोला कि लोग रेलवे ट्रैक से हट जाएं लेकिन अगर लोगों ने हमारी बात नहीं मानी तो इसमें हमारी कोई गलती नहीं है. हादसे के बाद मुझे कुछ समझ नहीं आया और लोगों के गुस्से का शिकार होने से बचने के लिए मुझे कहा गया कि अभी उस जगह न जाउं लिहाजा मैं वहां से चला गया. रावण दहन कार्यक्रम के बाद मैं अस्पताल भी जाना चाहता था लेकिन मुझे बताया गया कि मेरे घर के बाहर भी लोग पथराव कर रहे हैं तो मैं अस्पताल और घर भी नहीं जा पाया. मैं भागा नहीं था बल्कि मैं डर गया था और मेरे परिवार को मेरे साथ रहने से दिक्कत हो सकती थी इसलिए मैं उनके साथ नहीं रहा.


नवजोत कौर सिद्धू के लेट होने पर क्या बोला मदान
नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर कार्यक्रम में लेट नहीं आई थीं और कार्यक्रम तय समय से चल रहा था. मंच पर खड़े होकर मैंने ऐसी कोई बात नहीं की कि सिद्धू मैडम के लिए लोग कहीं भी खड़े हो सकते हैं और उन्हें अपनी जान की भी परवाह नहीं हैं. नवजोत सिंह सिद्धू ने मेरी किसी तरह की कोई मदद नहीं की.


रेलवे से परमिशन क्यों नहीं ली?
मिट्ठू मदान ने कहा कि हमने रेलवे की कोई परमिशन नहीं इसलिए नहीं ली क्योंकि हमने रेलवे की जमीन पर कोई कार्यक्रम नहीं किया और लाइनमैन को इसलिए इत्तला नहीं दी क्योंकि सारे इलाके को पहले से ही पता था कि वहां रावण दहन का कार्यक्रम होना था. वहां पहले से ही बोर्ड लगा हुआ था.


जरूरी परमिशन ली गई थी.
मिट्ठू मदान ने कहा कि कार्यक्रम की अनुमति ली गई थी और कार्यक्रम चारदीवारी के अंदर आयोजित किया गया था और हमने पुलिस के बताए हुए सारे प्रोसीजर को फॉलो किया. मैं दशहरा कमिटी का प्रधान हूं और इस नाते मैंने पहली बार कार्यक्रम आयोजित किया है और वहां सालों से ये कार्यक्रम होता आया है तो इस बार ही ट्रेन क्यों आई इसमें मेरी कोई गलती नहीं है. हमने पुलिस की भी परमिशन ली हुई थी और हमने कॉर्पोरेशन से भी मंजूरी ली थी. सभी तरह के इंतजाम किए थे. बैरीकेडिंग भी लगाई थी और हमारे कार्यक्रम के लिए हमने अपनी हद में रहकर सारा आयोजन किया.


बड़ी स्क्रीन देखने की वजह से हुआ हादसा तो वो वहां क्यों लगाई गईं थी?
मिट्ठू मदान ने कहा रावण दहन की जगह पर हमने मंच के पास एलसीडी लगवाई हुई थी और दूसरी एलसीडी सड़क की तरफ लगाई गई थी और वो भी चारदीवारी की जद में ही थी. लोग उसके बाहर से खड़े होकर बड़ी स्क्रीन देख रहे थे और सेल्फी ले रहे थे. रेलवे ट्रैक चारदीवारी के बाहर था और हमारे कार्यक्रम की योजना उसके अंदर तक ही थी और पुलिस वालों को भी उसके अंदर ही तैमात किया गया था. बाहर क्या हो रहा है और ट्रैक पर कितने लोग खड़े हैं इसकी हमें जानकारी नहीं थी.


सौरभ मदान उर्फ मिट्ठू ने कहा- मुझे राजनीति में 10 साल हो गए. कोई नहीं कह सकता कि मैंने किसी पर हाथ भी उठाया हो. मैं डर गया था, मुझे समझ नहीं आया कि हुआ क्या. कॉरपोरेशन से और पुलिस से भी परमिशन ली थी तो मेरी गलती कहां है?


ट्रेन हादसे का जिम्मेदार कौन?
एबीपी न्यूज़ के इस सवाल पर सौरभ मदान मिट्ठू ने कहा कि मैंने परमिशन लेकर प्रोग्राम कराया. मैंने हद में रहकर प्रोग्राम का आयोजन किया तो मेरी कोई गलती नहीं है.