हाथरस में दंगों की साजिश रचने वाली PFI के बारे में हुआ ये खुलासा, केरल से है बड़ा लिंक
पीएफआई पर देश के कई राज्यों में दंगे कराने के गंभीर आरोप हैं. इस संगठन पीएफआई का अध्यक्ष केरल राज्य सरकार का सरकारी कर्मचारी है.
नई दिल्ली: रिकार्ड के मुताबिक जिस संगठन को विदेशी फंड के जरिए भारत मे दंगे, हत्या आदि कराए जाने के लिए जिम्मेदार पीएफआई संगठन को माना जा रहा है. पीएफआई संगठन का अध्यक्ष अब्दुल सलाम केरल राज्य सरकार में जिम्मेदार पद पर तैनात है. केंद्र और राज्य की रस्साकशी के चलते इस संगठन पर आज तक बैन लगाने की कार्रवाई भी नहीं हो सकी है.
जिस पीएफआई संगठन को लेकर बैंगलोर से लेकर केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में शोर मचा हुआ है. जिस संगठन पर दंगे कराने के गंभीर आरोप हैं और दंगो की फंडिंग के लिए विदेशों से पैसे लाने के आरोप है, उस संगठन पीएफआई का अध्यक्ष केरल राज्य सरकार का सरकारी कर्मचारी है.
पीएफआई के चेयरमैन ओ एम अब्दुल सलाम केरल राज्य विद्युत बोर्ड में वरिष्ठ सहायक कम कैशियर के पद पर तैनात है. जो इसी साल फरवरी महीने मे पीएफआई का चैयरमैन बना और अब सरकारी दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि ये शख्स साल 2000 से केरल विधुत बोर्ड में तैनात है. इसकी तैनाती कोझीकोड मे बताई जाती है.
सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक अब्दुल सलाम सरकारी नौकरी में आने के पहले लोगों को पढ़ाने का काम करता था. सूत्रो का कहना है कि अब्दुल सलाम पीएफआई में पिछले कई सालो से विभिन्न पदों पर रहा है और पीएफआई अध्यक्ष बनने के बाद उसका ऑफिस जाना भी बेहद कम हो गया. उस पर बिना अनुमति विदेश यात्रा करने के आरोप भी लगे लेकिन केरल सरकार ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की.
सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार को भी पता है कि सलाम पीएफआई का अध्यक्ष है. इस बात पर केरल सरकार के एक आला अधिकारी ने कहा कि पीएफआई के प्रोग्राम में सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी भी भाग लेते हैं. साथ ही मुखोटे के तौर पर पीएफआई अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी करता है. लिहाजा जब तक कोई सीधा आपराधिक मुकदमा अध्यक्ष के खिलाफ ना हो तो सीधी कार्रवाई संभव नहीं. साथ ही आज तक किसी राज्य की पुलिस ने केरल सरकार को लिख कर नहीं दिया है कि अब्दुल सलाम उनके केस में वांटेड है या उस पर आपराधिक मुकदमा दर्ज है.
केरल सरकार ने खुद साल 2011 से साल 2013 के बीच पीएफआई पर अनेक एक्शन लिए थे और उनके ठिकानों से हथियार और अन्य विदेशी आंतकी संगठनों के दस्तावेज भी बरामद किए थे. लेकिन कोर्ट मे केरल सरकार ने पीएफआई को क्लीन चिट दे दी थी और कहा था कि पीएफआई के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. उधर केंद्र सरकार ने भी पीएफआई को लेकर राज्यों से रिपोर्ट मांगी थी लेकिन आज तक केंद्र की तरफ से इस संगठन को अधिकारिक तौर पर बैन नहीं किया गया.
पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों के खिलाफ भारत के विभिन्न राज्यों में दर्जनों आपराधिक मुकदमे दर्ज है और केन्द्र सरकार की एजेंसियां ईडी एनआईए भी पीएफआई के खिलाफ जांच कर रही है. इनमें ईडी पीएफआई के खातों मे आए कथित 120 करोड़ रुपयों की जांच कर रही है उधर यूपी के मथुरा में हाथरस साजिश में पकड़े गए लोगों में एक शख्स मलापुरम का रहने वाला है.
जहां का पीएफआई चैयरमैन सलाम रहने वाला है उसके पास से वर्जीनिया जाने के दस्तावेज भी पाए गए है जिनकी जांच जारी है. इधर दिल्ली पुलिस भी पीएफआई को दंगों के लिए जिम्मेदार बताते हुए जांच कर रही है और अब तक देश के विभिन्न हिस्सों मे पीएफआई के दर्जनों लोग गिरफ्तार भी हुए है लेकिन इन सब के बावजूद पीएफआई पर बैन नहीं लगाया गया है.
केन्द्र और राज्य सरकारों की कशमकश के बीच खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पीएफआई और उसके सहयोगी संगठन पूरे भारत मे अपनी पकड़ बढ़ाते जा रहें हैं और ताजा रिपोर्ट के मुताबिक ये संगठन 24 से ज्यादा राज्यों मे अपनी पकड़ मजबूत करता जा रहा है. ऐसे मे यदि केंद्र और राज्य सरकारों का यहीं ढुलमुल रवैया रहा तो आने वाले समय मे इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते है.
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