Odisha High Court : ओडिशा हाईकोर्ट ने सोमवार (4 मार्च) को कटक-बाराबती विधानसभा सीट से 2019 में चुनाव जीतने वाले कांग्रेस नेता मोहम्मद मुकीम के निर्वाचन को अमान्य घोषित कर दिया. लोक सभा चुनाव से ऐन पहले हाई कोर्ट का यह फैसला कांग्रेस के लिए एक तगड़ा झटका माना जा रहा है.
न्यायमूर्ति संगम कुमार साहू ने यह फैसला सुनाया है. बीजू जनता दल (बीजद) नेता देबाशीष सामंत्रे की एक याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया है. दावा है कि अप्रैल 2019 में नामांकन दाखिल करते वक्त आपराधिक पृष्ठभूमि संबंधी विस्तृत ब्योरा देने में विफल थे. इसीलिए मुकीम का चुनाव अमान्य घोषित कर दिया. बीजद विधायक ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने अपराधिक रिकॉर्ड को छिपाया है.
'कांग्रेस विधायक ने पेश किए झूठे हलफनामे'
बीजेडी नेता एवं बाराबती-कटक के पूर्व विधायक सामंत्रे ने जुलाई 2019 में ओडिशा हाईकोर्ट का रुख किया था. कांग्रेस विधायक के खिलाफ लगायी गई अपनी याचिका में उन्होंने आरोप लगाया था कि मुकीम ने मई 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान अपने नामांकन के साथ झूठे हलफनामे प्रस्तुत किए थे. नियमानुसार चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का भी पूरा ब्यौरा देना पड़ता है. लेकिन मुकीम ने इसे छिपा दिया था ताकि उनके दागी होने के बारे में जानकारी न मिल सके.
लग चुके हैं जुर्माना भी
कांग्रेस विधायक मुकीम पर अदालत के आदेश की नाफरमानी के भी आरोप हैं. इसके पाली, बार बार कोर्ट की ओर से नोटिस के बावजूद कोर्ट ने गैर-हाजिर रहने पर कांग्रेस नेता पर दो बार 10,000-10,000 रुपये का जुर्माना लगाया था.
बता दें कि मुकीम ने 2019 में सामंत्रे को 2,000 से थोड़ा अधिक मतों के मामूली अंतर से हराकर पहली बार विधानसभा चुनाव जीता था. हालांकि उसके बाद उन पर धांधली के भी आरोप लगे थे. ओडिशा हाईकोर्ट के इस फैसले पर फिलहाल कांग्रेस विधायक की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है ना कि पार्टी ने कोई कॉमेंट किया है. बहरहाल हाई कोर्ट का यह आदेश राज्य में सुर्ख़ीयों में है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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