देशभर से रेमिडिसिविर की उठ रही मांग के बीच कालाबाजारी की भी खबरें आ रही हैं. इस बीच केंद्र सरकार ने 21 अप्रैल से 30 अप्रैल तक के लिए रेमिडिसिविर को 19 राज्यों के लिए आवंटित करने का फैसला लिया है. वहीं, केंद्र के फैसले के बाद भेद भाव के आरोप भी लगने लगे है.
दरअसल, देश में तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण के बीच कई राज्यों में रेमडिसीवर इंजेक्शन की मांग भी बड़े पैमाने पर हो रही है. जिसके बाद केंद्र सरकार ने देश के 19 राज्यों के लिए रेमडिसीवर कोटा आवंटित कर दिया है. लेकिन अब इस फैसले पर भी राजनीति होती दिख रही है.
केंद्र सरकार ने रेमडिसीवर का कोटा राज्यों के लिए आवंटित किया है- नवाब मलिक
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने ट्वीट कर केंद्र सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार ने रेमडिसीवर का कोटा राज्यों के लिए आवंटित किया है. महाराष्ट्र को रोजाना 50 हजार रेमडिसीवर प्रति दिन की अवशकता है. अभी तक 36 हजार प्रतिदिन मिल रही थी लेकिन केंद्र सरकार के नए आदेश के बाद महाराष्ट्र को अब केवल 26 हजार रेमडिसीवर ही मिल सकेगी. महाराष्ट्र में मरीजों की संख्या को देखते हुए आने वाले दिनों में मुसीबत खड़ी हो सकती है”
दरसल महाराष्ट्र सरकार की ओर से भेदभाव का आरोप क्यू लगाया जा रहा है इसे आंकड़ों के जरिए समझते है
महाराष्ट्र में जहां 6 लाख 70 हजार एक्टिव मरीज हैं. वहां रेमडिसीवर इंजेक्शन 2 लाख 69 हजार 200 आवंटित किए है यानि हर 100 एक्टिव मरीज पर 40 ही रेमिडिसिवर की उपलब्धता होगी. वहीं, इस ही तरह एक्टिव केस के मामले में देश में दूसरे नंबर पर राज्य उत्तर प्रदेश जहां 1 लाख 92 हजार एक्टिव केस है वहां 1 लाख 22 हजार 800 इंजेक्शन आवंटित किए है.
प्रति 100 मरीज पर 64 इंजेक्शन
इसी आवंटन के मुताबिक करीब 61600 एक्टिव केस वाले गुजरात में प्रति 100 मरीज पर 265 रेमिडिसिवर इंजेक्शन राज्य को मिल सकेगा. छत्तीसगढ़ को 39 राजस्थान को 40 हासिल हो सकेगे. महा विकास अघाड़ी की और से केंद्र सरकार पर भेद भाव के लग रहे आरोपों के बीच बीजेपी महाराष्ट्र सरकार पर पलटवार करते हुए राजनीति करने का आरोप लगाया है. बीजेपी ने कहां है की जो मांग महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र से की थी उस हिसाब से की इंजेक्शन आवंटित किए गए है.
सवाल ये भी है कि क्या एक्टिव केस की संख्या आधार पर रेमडिसीवर इंजेक्शन का बंटवारा होना चाहिए या इसमें कॉमोरबिडीटी के मरीज़ों की संख्या का आकड़ा देना महत्वपूर्ण है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच ऑक्सीजन और रेमडिसीवर इंजेक्शन की मांग सबसे ज़्यादा है. हाई कोर्ट भी इस संदर्भ के संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को आदेश जारी कर चुका है. हकीकत ये भी है की उत्पादन के मुकाबले मांग ज़्यादा है ऐसे में मरीज़ों की संख्या को देखते हुए आवंटन करना ज़रूरी होगा. माहामारी के दौर में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने और राजनीति का ये वक्त नहीं है जबकि मिलजुल कर काम करना होगा.
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