बिहार में लगातार बारिश हो रही है. गुरुवार को बारिश के साथ वज्रपात होने से 22 लोगों की मौत हो गई. इस साल जून माह में बारिश ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. बिहार में एक बार फिर कुदरत ने अपना कहर बरपाया है. राज्य में आकाशीय बिजली (ठनका) गिरने से 22 लोगों की मौत हो चुकी है. कुछ दिन पहले ही 100 से ज्यादा लोगों की मौत ठनका गिरने से हुई थी.
गुरुवार शाम 5.15 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, आकाशीय बिजली गिरने से सबसे अधिक प्रभावति राजधानी पटना जिला हुआ है. यहां पर 6 लोगों की मौत हुई है. बिहार राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र, पटना ने फोन पर प्राप्त हुई जानकारी के हिसाब से एक लिस्ट जारी की है. इसमें आठ जिलों में 22 लोगों की मौत की बात कही गई है.
आपदा प्रबंधन विभाग की लिस्ट के मुताबिक, सबसे अधिक 6 लोग पटना में, इसके बाद पूर्वी चंपारण में चार लोग, समस्तीपुर में तीन, शिवहर में दो, कटिहार में तीन, मधेपुरा में दो और पूर्णिया व पश्चिमी चंपारण में एक-एक व्यक्ति की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने से हुई है. टिहार में रौतारा थाना क्षेत्र के विनोदपुर में ठनका की चपेट में आने से दो महिलाओं समेत तीन लोगों की मौत हो गई है.
एसपी विकास कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि सभी मृतक मजदूर वर्ग से हैं और वे खेत में धान की रोपनी का काम में लगे हुए थे. इसी दौरान बिजली की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई. वहीं मधेपुरा के मुरलीगंज प्रखंड के जोरगामा पंचायत में वज्रपात से 40 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई. सासाराम जिले में चेनारी में भी एक व्यक्ति की मौत की खबर है. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, ज्यादातर लोगों की मौत खेत में काम करने के दौरान हुई है. इस समय बिहार में धान की रोपनी का काम चल रहा है. लोग इसी काम के लिए अपने खेतों की तरफ गए हुए थे. इसी दौरान ठनका गिरने से वे इसके चपेट में आ गए. सीएम नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता हेतु 4-4 लाख रुपए देने की घोषणा की है. इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय ने दी है.