Corona Vaccination: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अब तक कोविड-19 टीकों की 100 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं. उसने कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पास अब भी 10.53 करोड़ से अधिक (10,53,11,155) खुराक उपलब्ध हैं जिनका उपयोग किया जाना है.
मंत्रालय ने कहा कि टीकों की उपलब्धता बढ़ने से टीकाकरण अभियान में तेजी आई है. राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों को टीकों की उपलब्धता का पहले से पता चलने से वे बेहतर योजना बना सकते हैं तथा टीकों की आपूर्ति श्रंखला भी व्यवस्थित रहती है. मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के हिस्से के तहत, राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को मुफ्त में टीके उपलब्ध कराकर केन्द्र उनका समर्थन कर रहा है.
इधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कहा भारत टीके की आपूर्ति को मजबूत कर रहा है और अक्टूबर में 28 करोड़ से ज्यादा खुराकों का उत्पादन होगा. पत्रकारों से बातचीत करते हुए मांडविया ने कहा कि पात्र आबादी में से करीब 73 प्रतिशत को कोविड रोधी टीके की कम से कम एक खुराक लगाई जा चुकी है जबकि तकरीबन 29 प्रतिशत जनसंख्या को दोनों खुराकें दी जा चुकी हैं.
उन्होंने कहा कि राज्यों के पास अब टीके की आठ करोड़ से अधिक खुराकें हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस महीने 28 करोड़ खुराकें उपलब्ध होंगी जबकि सितंबर में 22 करोड़ खुराकें मुहैया थी. उन्होंने कहा कि 28 करोड़ में से करीब 22 करोड़ खुराकें कोविशील्ड टीके की होंगी और कोवैक्सीन टीके की छह करोड़ खुराकें मुहैया होंगी. उन्होंने बताया कि लगभग 60 लाख डीएनए टीकों का उत्पादन किया जाएगा. मांडविया ने बताया कि अबतक करीब 97 करोड़ खुराकें लगाई जा चुकी हैं और अगले सप्ताह, संभवत: 19 या 20 अक्टूबर तक देश में टीके की खुराकें लगाने की संख्या 100 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की फिलहाल बूस्टर खुराक देने की कोई योजना नहीं है क्योंकि इस मामले पर विशेषज्ञों की राय अभी स्पष्ट नहीं हुई है. उन्होंने समग्र टीकाकरण कार्यक्रम पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि शायद ही कोई राज्य अब टीकों की कमी को लेकर शिकायत कर रहा है. महामारी के कारण छठ पूजा पर रोक को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली भाजपा और आम आदमी पार्टी की सरकार के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने कहा कि सभी राज्यों में त्योहार मानने को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) हैं और इस पर कोई राजनीति नहीं की जानी चाहिए.
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