रेलवे का दावा- पंजाब में किसानों के विरोध-प्रदर्शन के चलते 1000 करोड़ रुपए का घाटा
पंजाब में नए किसान कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध के कारण 1300 से अधिक यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है या उनका रूट बदला गया.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पंजाब में लगातार मालगाड़ियों का परिचालन नहीं हो रहा हैं. वहीं रेलवे ने बुधवार को कहा कि पंजाब में किसान कानूनों के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शनों की वजह से उसे 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
पटरी खाली कराने की मांग
रेलवे के अतिरिक्त महानिदेशक डीजे नायारण ने कहा, पंजाब में 32 स्थानों पर विरोध प्रदर्शन के कारण हम ट्रेनें नहीं चला पा रहे हैं. पंजाब में नए किसान कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध के कारण 1,300 से ज्यादा यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है या उनका रूट बदला गया. रेलवे को 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. स्थिति गंभीर है. नारायण ने कहा कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर आश्वासन मांगा है कि रेलवे द्वारा ट्रेनों को चलाने के लिए पटरियों को खाली किया कर दिया जाएगा.
नारायण ने एएनआई को बताया, 'रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पंजाब सरकार को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने आश्वासन मांगा है कि पटरियों को खाली किया जाएगा और इसके आसपास कोई समस्या नहीं होगी. तभी रेलवे ट्रेनों को चला सकेगी.' उन्होंने कहा, 'हम कोई बड़ी दुर्घटना नहीं चाहते हैं. हमने मालगाड़ियों की गति बढ़ाई है. अगर ट्रेन के सामने कोई आ जाता है तो पायलटों के लिए ट्रेन रोकना बहुत मुश्किल होगा.'
अमरिंदर सिंह ने दिया धरना
इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय किसान कानूनों के खिलाफ बुधवार को दिल्ली में धरना दिया और केंद्र सरकार पर उनके राज्य के साथ “सौतेला” व्यवहार करने का आरोप लगाया. इस मौके पर कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी मौजूद रहे.
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब में किसानों के आंदोलन का राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर प्रभाव पड़ सकता है और चीन एवं पाकिस्तान इस सीमावर्ती राज्य में शांति भंग करने का प्रयास कर रहे हैं.
कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि केंद्र द्वारा हाल ही में लाए गए कृषि कानून किसानों के हितों के विरोधी हैं और कार्पोरेट घरानों के हित में हैं. हालांकि, केंद्र ने जोर दिया है कि नए कानून किसानों के हित में हैं.
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