BIS Raid News: भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की ओर से तय किए गए मानकों को पूरा किए बिना बिक रहे खिलौनों के खिलाफ सख्ती शुरू हो गई है. ऐसे खिलौनों की बिक्री के खिलाफ भारतीय मानक ब्यूरो ने एक अभियान चला रखा है. इसी सिलसिले में ब्यूरो ने 28 दिसंबर से देश के अलग-अलग हिस्सों में अब तक 44 छापे मारे हैं. इन छापों में वैसे खिलौनों को सीज किया गया है जो तय मानकों पर खरे नहीं उतर सके. इन छापों में ऐसे 18,629 खिलौने जब्त किए गए हैं.


जिन दुकानों और रिटेल स्टोरों पर ऐसे छापे मारे गए हैं, उनमें Hamleys, WHSmith और Archies जैसे नामी गिरामी स्टोर्स भी शामिल हैं. अहमदाबाद के एक स्टोर से तो करीब 9,000 ऐसे खिलौने जब्त किए गए जो तय मानकों पर खरे नहीं पाए गए.


सख्त होने जा रही सरकार
भारतीय मानक ब्यूरो के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया कि ब्यूरो की ओर से खिलौनों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ऐसे प्रयास किए गए हैं. तिवारी ने बताया कि देश के बाहर से आयात होने वाले खिलौनों को लेकर भी अब सरकार सख्त होने जा रही है. इसके लिए कस्टम विभाग के साथ मिलकर ब्यूरो की एक संयुक्त टीम बनाई गई है जो बाहर से आने वाले खिलौनों की खेप की भारतीय मानकों के अनुसार गुणवत्ता की जांच करेगी.


BIS मानकों के बिना खिलौने बेचने पर होगी कार्रवाई
तिवारी ने बताया कि जो निर्माता और विक्रेता BIS मानकों के बिना खिलौने बेचेगा उसके खिलाफ BIS कानून के तहत कार्रवाई भी की जा रही है. वहीं, उपभोक्ता मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने बताया कि तीन ई-कॉमर्स कंपनियों- अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है. इन कंपनियों के खिलाफ बिना BIS मानकों के खिलौने बेचने की शिकायत मिली थी.






सरकार ने पहली बार एक जनवरी, 2021 को खिलौनों के संदर्भ में क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर लागू कर खिलौनों के लिए BIS सर्टिफिकेट अनिवार्य किया था. इसका मतलब अब खिलौनों को BIS मानक के बिना बेचा नहीं जा सकता है. हालांकि, इनमें भारत में बनने वाले कुछ खिलौनों को इस नियम से छूट दी गई है.


ये भी पढ़ें: Joshimath Sinking: जोशीमठ में LAC की तरफ जाने वाली सड़क को कितना नुकसान, सेना की तैयारियों पर क्या असर? आर्मी चीफ ने दिया जवाब