कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने बीजेपी विधायकों की अगुवाई में सोमवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की. इस दौरान बीजेपी के करीब 74 विधायकों में से 50 विधायक ही मौजूद रहे.
BJP की बैठक में जिन विधायकों ने हिस्सा नहीं लिया वो अब BJP के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं. पश्चिम बंगाल में BJP ने 77 सीटें जीती थी. इनमें से मुकुल रॉय के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद अटकलें लगाई जा रही है कि कई और विधायक टीएमसी में शामिल हो सकते हैं. दो विधायक पहले ही विधायक पद से इस्तीफा दे चुके हैं. दोनों सांसद हैं.
सूत्रों के अनुसार कई BJP विधायकों ने उत्तर बंगाल से दक्षिण बंगाल आने में तक़लीफ़ या फिर कोरोना काल में ट्रेन नहीं चलने का कारण बताया. लेकिन सवाल तब खड़े हुए जब क़रीब 100 किलोमीटर दूर नदिया ज़िले के विधायक बिस्वजीत दास बैठक में नहीं आए.
यह पहला मौक़ा था जब शुभेंदु अधिकारी की अगुवाई में BJP के विधायक राज्यपाल से मिले. पहले 30 विधायकों को अनुमति दी गई थी लेकिन संख्या बढ़ जाने के बाद कोविड
प्रोटोकॉल को ताक पर रखकर सभी को बुला लिया गया.
अब सवाल ये उठ रहे हैं जो विधायक नहीं आए इसकी वजह क्या है? सिर्फ़ गाड़ी, ट्रेन और बस का नहीं होना है या फिर इच्छा शक्ति जो अब BJP से मोहभंग होकर के तृणमूल कांग्रेस की ओर जा रहे हैं.
आसनसोल से विधायक अग्निमित्र पॉल की तबियत ख़राब है. अलीपुरद्वार से सुमन कांजीलाल ने बताया कि उन्हें गाड़ी या ट्रेन की सुविधा नहीं है इसलिए नहीं आ पाए. वहीं मालती राधा रॉय की अनुपस्थिति भी सवाल खड़े कर रही है.
दरअसल, मुकुल रॉय के TMC में शामिल होने के बाद बीजेपी के कुछ विधायकों के टीएमसी में शामिल होने की अटकलें हैं. संभव है कि एक हफ़्ते में ज़मीनी स्तर पर कई कार्यकर्ता, विधायक और दो सांसद भी तृणमूल कांग्रेस में घर वापसी कर जाएं.
BJP में एक बड़े नेता ने कहा कि अगर प्रोटोकॉल 20 विधायकों के लिए तोड़ा जा सकता है तो बाक़ी 20 विधायकों को भी बुलाकर राज्यपाल के सामने परेड करवाई जा सकती थी. उनकी बात रखी जा सकती थी.
पार्टी राज्य में बढ़ रही हिंसा की घटनाएं और BJP कार्यकर्ताओं पर हमले की घटना को बार बार उजागर करने की कोशिश कर रही है लेकिन अंदरूनी कलह है कि ख़त्म होती नज़र नहीं आ रही है.
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