नई दिल्ली: देश भर में पिछले करीब डेढ़ महीने से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच संसद में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक सवाल के जवाब में बताया है कि पिछले दस सालों में 21 हजार से ज्यादा विदेशियों को भारत की नागरिकता दी गई है. बड़ी बात यह है कि नागरिकता पाने वालों में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक हैं.


15 हजार बांग्लादेशी लोगों को मिली नागरिकता


ससंद में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि साल 2010 से 2019 तक 21 हजार 408 शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी गई है, इसमें 15 हजार बांग्लादेशी नागरिकों को भी नागरिकता मिली है. साल 2015 में भारत-बांग्लादेश के बीच हुए समझौते के बाद जब बांग्लादेश के 53 एन्क्लेव को भारत में शामिल किया गया था. तभी 14 हजार 864 बांग्लादेशी नागरिकों को भारत की नागरिकता मिली थी.


सरकार ने बताया कि मोदी सरकार आने के बाद से शरणार्थियों को नागरिकता देने की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.


286 लोगों ने छोड़ी भारतीय नागरिकता


सरकार ने संसद में बताया कि 2016 से 2018 के बीच 286 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि साल  2016 में 19 लोगों ने जबकि 2017 में 60 अन्य ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी. उन्होंने कहा कि 2018 में 22 अक्तूबर तक कुल 207 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी.


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