नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर केंद्रीय सुरक्षा बलों की 280 कंपनियां यानी 28 हजार जवानों की तैनाती की खबर का केंद्रीय गृह मंत्रालय ने खंडन किया है. इससे पहले समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से खबर आई थी कि कश्मीर में केंद्रीय सुरक्षा बलों के 28 हजार जवानों की तैनाती हो रही है.
इससे पहले जब दस हजार जवानों की तैनाती की भी बात सामने आई थी, तब खुफिया सूत्रों के हवाले से ये खबर आई थी कि आने वाले दिनों में आतंकवादी कश्मीर में किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक आतंकवादी 15 अगस्त और अमरनाथ यात्रा को निशाना बना सकते हैं.
सरकार की ओर से कश्मीर में सुरक्षा इंतजामों का हवाला दिया जा रहा था, लेकिन अफवाह ये उड़ाई गई कि कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35a को खत्म करने की तैयारी हो रही है. इसी को लेकर विरोधी बीजेपी पर बरसने भी लगे. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 35ए के साथ छेड़छाड़ करना बारूद को हाथ लगाने के बराबर होगा. उन्होंने कहा कि कहा कि जो हाथ 35ए के साथ छेड़छाड़ करने के लिए उठेंगे, वो हाथ ही नहीं वो सारा जिस्म जल कर खाक हो जाएगा.
वहीं जम्मू कश्मीर के एक और पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अधयक्ष फारुख अब्दुल्ला ने कहा, ''आर्टिकल 35ए और आर्टिकल 370 को नहीं हटाया जाना चाहिए. इसकी वजह से हमारी फाउंडेशन स्थापित हुई है. इसे हटाए जाने की कोई जरुरत नहीं है. हम हिंदुस्तानी हैं, लेकिन हमारे लिए ये धाराएं काफी महत्वपूर्ण हैं.' दोनों नेताओं के बयान से आफ है कि घाटी में आर्टिकल 370 और 35a को लेकर संवेदनशील माहौल है लेकिन इस बीच 28 हजार जवानों की तैनाती के बाद एक बार फिर कश्मीर को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है.