Anti Agnipath Protest Railway Loss: केंद्र सरकार की अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) के खिलाफ देशभर में तीन दिनों से चल रहे छात्रों के उग्र प्रदर्शन (Agnipath Protest) से अब तक 340 ट्रेनें प्रभावित हो चुकी हैं, जबकि हजारों यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रदर्शनकारी छात्रों से अपील की है कि वो समस्या का समाधान बातचीत से निकलवाने का रास्ता अपनाएं और देश की सम्पत्ति का नुकसान न करें. रेलवे को अग्निपथ के प्रोटेस्ट के अनुमानत: अब तक करीब 40 करोड़ रूपए से अधिक का नुकसान हुआ है. 


आईसीएफ कोच 
देश में चल रही अधिकतर सामान्य ट्रेनों में आईसीएफ कोच लगे हैं. चेन्नई की इंटिग्रल कोच फैक्ट्री से बने सामान्य रेल कोच को आईसीएफ कोच कहते हैं. इसके निर्माण की शुरुआत 1955 में हुई थी, लेकिन 2018 में इसका निर्माण बंद कर दिया गया, ताकि भविष्य में सिर्फ आधुनिक एलएचबी कोच का इस्तेमाल ही किया जा सके. या फिर वन्दे भारत जैसी आधुनिक ट्रेन सेट का इस्तेमाल हो सके. जैसे-जैसे आईसीएफ कोच रिटायर होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे उनकी जगह एलएचबी कोच लेते जा रहे हैं. 


देश में अब सिर्फ एलएचबी कोच 
जर्मनी की लिंक हॉफमैन बुश कम्पनी की डिजाइन पर बनाए गए कोच को एलएचबी कोच कहते हैं. ये कोच भारत में कपूरथला की रेल कोच फैक्टी (आरसीएफ, कपूरथला) में बनाए जाते हैं. इन्हें साल 2000 से देश के ब्रॉड गेज रेल ट्रैक पर चलाने के लिए बनाया जा रहा है. यहां एक साल में 250 कोच बनाए जाते हैं. इस आधुनिक कोच को 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा सकता है. इसके बेसिक स्टील फ्रेम की मजबूती बहुत अधिक होती है और इसमें यात्रियों को झटके भी नहीं महसूस होते. इसके बाहरी हिस्से को स्टेनलेस स्टील और भीतरी हिस्से को एल्यूमिनयम से बनाया जाता है, जिसके कारण ये अपेक्षाकृत भार में हल्के होते हैं. 


रेल कोच को बनाने में आता है इतना खर्च 
एक नॉन एसी आईसीएफ कोच को बनाने में 90 लाख रूपए का खर्च आता है, जबकि एक एसी आईसीएफ कोच को बनाने में 1.5 करोड़ रूपए का खर्च आता है. जबकि एक नॉन एसी एलएचबी कोच को बनाने में 2.25 करोड़ रूपए का खर्च आता है. वहीं एक एसी एलएचबी कोच को बनाने में 3 करोड़ रूपए लग जाते हैं. 


रेल इंजन को बनाने में आता है इतना खर्च
एक 5 हजार हॉर्स पॉवर तक के इंजन को बनाने का खर्च 15 करोड़ रूपए आता है, जबकि एक 12 हजार हॉर्स पॉवर तक के इंजन बनाने का खर्च 65 करोड़ रूपए आता है. एक सामान्य ट्रेन 24 कोच की होती है. यानी इंजन सहित एक पूरी ट्रेन की क़ीमत औसतन कम से कम 51 करोड़ रूपए तक होती है. 


अग्निपथ प्रोटेस्ट से रेलवे को नुकसान
देश भर में चल रहे उग्र प्रदर्शन में अब तक कुल 12 से अधिक कोच जलाए जा चुके हैं, इनमें 7 एलएचबी कोच हैं और 5 सामान्य आईसीएफ कोच. 


आंदोलन से अब तक कुल 340 ट्रेनें प्रभावित 
आंदोलन के कारण अब तक कुल 340 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं.  इनमें 94 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें और 140 पैसेंजर ट्रेनें कैन्सल कर दी गई हैं. इसके अलावा 65 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें और 30 पैसेंजर ट्रेनें पार्शियली रद्द कर दी गई हैं. साथ ही 11 मेल एक्सप्रेस ट्रेनों को डायवर्ट भी किया गया है. 


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रेल मंत्रालय के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमिताभ शर्मा के मुताबिक कल भी घटनाएं हुई थीं. आज सुबह 5 बजे से प्रदर्शन फिर शुरू हो गया और अभी देश भर के 24 लोकेशन पर धरना चल रहा है. बिहार की 17 लोकेशन पर धरना प्रदर्शन चल रहा है, झारखंड में भी 2 लोकेशन पर ये चल रहा है. सिकंदराबाद प्लेटफार्म पर भी काफ़ी नुकसान किया गया है. बाकी अन्य कई जगहों पर एक-एक दो-दो लोकेशन पर प्रदर्शन हुए हैं. 


देश भर में चल रहे हिंसक प्रदर्शन में अब तक 116 ट्रेने लेट चल रही हैं. 35 ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया है. 65 लोकल ट्रेनों को साउथ सेंट्रल रेलवे ने अपने स्तर पर कैंसिल कर दिया है. इसके अलावा 13 ट्रेनें शॉर्ट टर्मिनेट की गई हैं. लॉन्ग डिस्टेंस की ट्रेनों में जो यात्री फंसे हैं, उन्हें भोजन और पानी उपलब्ध करा दिया गया है. इसके साथ ही कंट्रोल रूम भी खोले गए हैं.


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