Gyanvapi Masjid Case Judge: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में कोर्ट के आदेश के बाद कल से सर्वे शुरू हो सकता है. वहीं दूसरी तरफ कल इस मामले में फैसला सुनाने वाले जज ने अपनी सुरक्षा की चिंता जताई है. दरअसल सिविल जज रवि कुमार दिवाकर जिन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण को जारी रखने का आदेश दिया और ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर का वीडियो सर्वे करने के लिए कोर्ट द्वारा नियुक्त वकील को बदलने की याचिका को खारिज कर दिया, ने गुरुवार को अपनी सुरक्षा की चिंता व्यक्त की है. 


अपने आदेश में जज ने कहा कि इस फैसले के बाद उनके आसपास डर का माहौल बनाया जा रहा है और वह अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर काफी चिंता में हैं. उन्होंने कहा कि एक साधारण से कोर्ट कमीशन की कार्यवाही को असाधारण मामला बनाकर भय का माहौल पैदा कर दिया गया है. अब मुझे भी अपने परिवार की चिंता होती है. दिवाकर ने कहा कि डर इतना है कि मेरा परिवार हमेशा मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता है और मैं उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता हूं. मेरी पत्नी हमेशा मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहती हैं. 


मैं एक मस्जिद को खो चुका हूं, मैं अब दुबारा खोना नहीं चाहता


वहीं दूसरू तरफ  एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) मामले का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरीके से बाबरी मस्जिद को छीना गया, उस तारीख को दोहराया जा रहा है. मैं एक मस्जिद को खो चुका हूं, मैं अब दुबारा मस्जिद को खोना नहीं चाहता.


ओवैसी ने एबीपी न्यूज़ से खास बात करते हुए कोर्ट के फैसले पर कहा कि आज का आदेश 1991 के फैसले का उल्लंघन है. फैसले के खिलाफ मस्जिद की कमेटी और पर्सनल लॉ बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए. गर्मियों की छुट्टी से पहले ही तुरंत जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के सामने मामले को रखा जाएगा. 


हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा कि मुल्क किस राह पर जा रहा है. कुतुब मीनार में आप चले जाते हैं? अपनी विचारधारा के नाम पर संविधान को रौंद देंगे आप? कल मैं कहूंगा कि पीएम के घर के नीचे मेरी मस्जिद है. तो खोदने देंगे आप? देश 1991 के एक्ट के तहत चलेगा या मनचलों की विचारधारा पर चलेगा? देश कानून से चलेगा या आस्था से चलेगा?


कोर्ट ने क्या दिया आदेश?


अदालत ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर 17 मई को अपनी रिपोर्ट सौंपे. मिली जानकारी के अनुसार अदालत ने सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक सर्वे के आदेश दिए हैं. अदालत ने कहा है कि 17 मई तक राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से सर्वे पूरा कराया जाए. अदालत ने कहा है कि सर्वे की कार्रवाई के दौरान अगर दोनों में से कोई एक कोर्ट कमिश्रर एबसेंट भी रहेगा तब भी कार्रवाई होगी. 


ज्ञानवापी (Gyanvapi Masjid) मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले को लेकर गुरुवार को वाराणसी (Varanasi) की सिविल कोर्ट (Civil Court) ने फैसला सुना दिया. अदालत ने सर्वे के काम में बाधा पहुंचाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. इसके अलावा कहा गया है कि अगर गेट की चाभी नहीं भी मिलती है तो ताले को तोड़ा जा सकता है. इसके साथ ही सर्वे के दौरान वीडियोग्राफी के भी निर्देश दिए गए हैं.


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