नई दिल्ली: कोरोना वायरस (कोविड-19) की रोकथाम के लिए कई देशों ने कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. ब्रिटेन ने हाल ही में फाइजर की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी थी. वहीं अब ब्रिटेन ने ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन को भी मंजूरी दे दी है. इस वैक्सीन को अब हरी झंडी मिलने के साथ ही ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन लोगों को दी जा सकेगी. आम लोगों को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन देने की शुरुआत ब्रिटेन में जल्द की जाएगी.
ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के जरिए डिजाइन किए गए कोरोना वायरस वैक्सीन को लोगों के इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई है. इससे यूके में टीकाकरण अभियान में बड़े पैमाने पर विस्तार देखा जाएगा. इसके साथ ही यूके ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन के 10 करोड़ डोज के ऑर्डर दिए हैं, जो कि 5 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने के लिए पर्याप्त हैं. ब्रिटेन में पहले से ही लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जा रही है. लेकिन ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को मंजूरी देने के साथ ही ब्रिटेन में टीकाकरण में तेजी आने की उम्मीद है क्योंकि यह वैक्सीन सस्ती है और इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सकता है.
इससे पहले दवा कंपनी फाइजर-बायोएनटेक की कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी देने वाला ब्रिटेन पहला देश बना था. वहीं अब ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी देने वाला भी ब्रिटेन दुनिया में पहला देश है. दवा नियामक के जरिए मंजूरी देने का मतलब है कि वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है और लोगों को इसकी खुराक दी जा सकती है. वहीं इस वैक्सीन का निर्माण इतनी तेज गति से किया गया है जो कि कोरोना महामारी से पहले अकल्पनीय थी.
स्टोरेज आसान
इस वैक्सीन की खासियत यह है कि ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन को एक सामान्य फ्रिज में भी रखा जा सकता है. संग्रहण के मामले में ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन फाइजर की वैक्सीन से अलग है. फाइजर की वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री तापमान पर रखा जाना जरूरी होता है. ऐसे में ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को कहीं पर भी हासिल करने में आसानी होगी. वहीं ब्रिटेन में टीकाकरण के लिए प्राथमिकता वाले समूह में बुजुर्गों, स्वास्थ्य और देखभाल कार्यकर्ताओं की पहचान की जा चुकी है.
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