PRAGATI Platform On Oxford University: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने पीएम नरेंद्र मोदी की पहल प्रगति की तारीफ की है. यूनिवर्सिटी के एक हालिया स्टडी में प्रगति को उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए आदर्श बताया गया है. इसमें यह भी कहा गया है कि शासन में बदलाव के लिए दुनियाभर को पीएम मोदी के 'प्रगति' पहल से सीख लेनी चाहिए.
दरअसल, भारत में शासन और विकास के क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन) शुरू की गई है. दुनिया के प्रतिष्ठित संस्थान ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में कहा गया है कि यह 'प्रगति' भारत में 340 प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी लाने में मददगार साबित हुआ, जिनकी कुल लागत 201 अरब अमेरिकी डॉलर है.
क्या है प्रगति पहल?
प्रगति मंच एक डिजिटल इंडिया का एक मजबूत हिस्सा है. 25 मार्च 2015 को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री मोदी ने 'प्रगति' का शुभारंभ किया. यह एक बहुउद्देश्यीय और बहु-मॉडल प्लेटफॉर्म है, जो ई-गवर्नेंस, पारदर्शिता, और जवाबदेही को प्रोत्साहित करता है. यह मंच केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय स्थापित करता है, जिससे परियोजनाओं के निष्पादन में देरी और जटिलताओं को कम किया गया.
ऑक्सफोर्ड के अध्ययन का शीर्षक "From Gridlock to Growth: How Leadership Enables India’s PRAGATI Ecosystem to Power Progress" है. इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व सरकार और नौकरशाही के बीच की गैप को दूर करने में सफल रहा है. प्रगति ने ड्रोन फीड, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, और रियल-टाइम डेटा का उपयोग कर जमीनी समस्याओं का समाधान किया. लंबित परियोजनाओं को तेजी से पूरा कर, यह पहल गति और कुशलता की मिसाल बन गई है.
प्रगति से आर्थिक लाभ
रिजर्व बैंक और अन्य संस्थानों के मुताबिक, बुनियादी ढांचे में खर्च किया गया हर रुपया 2.5 से 3.5 गुना जीडीपी में योगदान करता है. यह मध्यम-आय वाले देशों के लिए एक प्रेरणा है जो विकास के जाल में फंसे हुए हैं. भारत की जीडीपी ग्रोथ को तेज करने में प्रगति मंच की परियोजनाओं का बड़ा योगदान है. यह प्लेटफॉर्म ग्लोबल इकोनॉमिक स्टेबिलिटी के बावजूद भारत के Flexibility का प्रतीक है.
उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए अनुकरणीय
प्रगति पहल से सड़क, बिजली, पानी, और रेलवे जैसी बुनियादी सेवाओं की तेजी से उपलब्धता ने लाखों भारतीयों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया है. यह पहल एनवायर्नमेंटल प्रोटेक्शन और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को प्रोत्साहित करती है.रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल डिवाइस को अपनाने और सरकार के सभी स्तरों पर सहयोग को बढ़ावा देने के जरिए, भारत ने एक ऐसा रास्ता तैयार किया है जिसका अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाएं सीख ले सकती हैं.
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