कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी के चलते कश्मीर में ऑक्सीजन की मांग तेज, प्राइवेट प्लांट 24 घंटे चालू
प्राइवेट ऑक्सीजन प्लांट के मालिकों का कहना है कि वे ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने की हर कोशिश कर रहे हैं. लेकिन अगर कोरोना मामलों की संख्या बढ़ती रही तो ये मुश्किल हो जाएगा. ऐसे में सरकार को सोचना चाहिए.
श्रीनगर: कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते कश्मीर में ऑक्सीजन की मांग तेजी से बढ़ी है. ऑक्सीजन बनाने वाली निजी कंपनियां मांगों को पूरा करने के लिए दिन रात प्लांट को पिछले बीस दिनों से चालू रखे हुए है. ये प्लांट पहले औद्योगिक क्षेत्रों में 55 प्रतिशत ऑक्सीजन देते थे और अस्पतालों में उनकी चिकित्सा ऑक्सीजन गैस का केवल 45 प्रतिशत सप्लाई रहती थी. अगर अब निजी/औद्योगिक क्षेत्र को सप्लाई बंद कर दिया है. मांग को पूरा करने के लिए सभी ऑक्सीजन को कश्मीर के सरकारी अस्पतालों में भेज दिया जाता है.
एक निजी ऑक्सीजन प्लांट मालिक मोहम्मद शफी ने कहा कि हम कश्मीर के दो बड़े अस्पतालों एसकेआईएमएस और एसएमएचएस को ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई करने के लिए 24x7 काम कर रहे हैं. दो हफ्ते पहले हम कुछ ही सिलेंडरों की सप्लाई कर रहे थे, लेकिन अब हर 24 घंटों में हम कश्मीर के दोनों बड़े अस्पतालों में 25 ट्रक सिलेंडर की सप्लाई करते हैं. अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग तेजी से बढ़ी है. उन्होंने कहा कि पिछले साल ऑक्सीजन की मांग इतनी अधिक नहीं थी.
शफी ने कहा कि कश्मीर डिवीजन में कोरोना की दूसरी लहर के आने के बाद उन्होंने औद्योगिक इकाइयों को सभी सप्लाई रोक दी हैं. निजी प्लांट मालिकों का कहना है कि वे मांग को पूरा करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अगर कोरोना मामलों की संख्या बढ़ती रही तो डिमांड को पूरा करना एक कठिन काम होगा, इसलिए सरकार को ऐसी स्थिति के आने से पहले सोचना चाहिए कि इसे कैसे संभालना है.
अधिकारियों का कहना है कि श्रीनगर के अस्पतालों में 20,000 एलपीएम ऑक्सीजन की मांग है, जिसमें से 16,000 एलपीएम अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांटों से मिलते हैं और शेष मांग निजी गैस एजेंसियों द्वारा पूरी की जाती है जहां से सिलेंडर लाये जाते है. ऑक्सीजन की भारी कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने औद्योगिक उद्देश्यों के लिए ऑक्सीजन के सप्लाई पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है.