(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पिछले 24 घंटों में ऑक्सीजन एक्सप्रेस से 10 कंटेनरों में 150 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई
उत्तर प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ट्रेन की आवाजाही के लिए, लखनऊ से वाराणसी के बीच एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. 270 किमी की दूरी 62.35 किमी प्रति घंटे की औसत गति के साथ 4 घंटे 20 मिनट में ट्रेन द्वारा कवर की गई.
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने पिछले 24 घंटे में ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों के ज़रिए अलग अलग राज्यों में 10 कंटेनरों के जरिए करीब 150 टन तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति की है. ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ ट्रेनें ऑक्सीजन लेकर शनिवार को महाराष्ट्र के नासिक और उत्तर प्रदेश के लखनऊ पहुंचीं.
इन क्षेत्रों में आक्सिजन की आपूर्ति करने के लिए कुछ कंटेनर नागपुर और वाराणसी में उतारे गए. साथ ही, तीसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने आज सुबह लखनऊ से अपनी यात्रा शुरू की. आंध्र प्रदेश, दिल्ली जैसे राज्य अधिक ट्रेनों को चलाने के लिए रेलवे के साथ परामर्श कर रहे हैं. यह ध्यान देने वाली बात है कि विशाखापत्तनम और बोकारो में ऑक्सिजन से भरे टैंकरों को वर्तमान में भारतीय रेलवे की रो-रो सेवा के माध्यम से ले जाया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ट्रेन की आवाजाही के लिए, लखनऊ से वाराणसी के बीच एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. 270 किमी की दूरी 62.35 किमी प्रति घंटे की औसत गति के साथ 4 घंटे 20 मिनट में ट्रेन द्वारा कवर की गई.
लगभग 150 टन ऑक्सीजन वाले कुल 10 कंटेनरों को अब तक ले जाया गया है. ट्रेनों के माध्यम से ऑक्सीजन का परिवहन सड़क परिवहन की तुलना में लंबी दूरी पर तेज है. सड़क परिवहन के विपरीत ट्रेनें 24x7 चलती हैं. भारतीय रेलवे ने आवश्यक वस्तुओं का परिवहन किया और पिछले वर्ष लॉकडाउन के दौरान भी आपूर्ति श्रृंखला को बरकरार रखा और आपात स्थितियों के दौरान राष्ट्र की सेवा जारी रखी.
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