Oxygen Plant Scam Case: कोरोना काल के दौरान बीएमसी पर कई घोटालों के आरोप लगे चुके हैं. इसी कड़ी में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने कांट्रेक्टर रोमिन छेड़ा को गिरफ्तार किया है. इसस पहले रेमिन छेड़ा से गुरुवार (23 नवंबर) को लगातार आठ घंटे तक पूछताछ की गई थी. छेड़ा के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा ने बुधवार (21 नवंबर) की रात नागपाड़ा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया था.
ऑक्सीजन प्लांट घोटाला मामले में पहली गिरफ्तारी
रेमिन छेड़ा पर बीएमसी को 6 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है. दरअसल ईओडब्ल्यू कोविड काल में हुए कथित ऑक्सीजन प्लांट घोटाले मामले की जांच कर रही है. इस मामले में यह पहली गिरफ्तारी है. बीजेपी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने इसे उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का करीबी बताया था.
इससे पहले कोविड काल के दौरान बीएमसी पर बॉडी बैग घोटाला, जंबो कॉविड सेंटर घोटाला, खिचड़ी घोटाला और रेमडेसिवीर घोटाले का आरोप लग चुका है. ईओडब्ल्यू से लेकर ईडी तक इन घोटालों की जांच में जुटी हुई है.
बीएमसी ने कहां किया कितना खर्च
एक आरटीआई कार्यकर्ता ने भी बीएमसी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. जिसमें कहा गया कि बीएमस ने कोविड महामारी के दौरान खर्च किए गए चार हजार करोड़ रुपये का हिसाब नहीं दिया. हालांकि बीएमसी ने इसे झूठा आरोप बताया था.
कोरोना महामारी के दौरान कोविड सेंटर के लिए 1,466 करोड़ रुपये, मुंबई के 24 वार्डों में विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 1,245 करोड़ रुपये खर्च किये गए. नायर, कूपर सहित दूसरे अन्य अस्पतालों के लिए 197.07 करोड़ रुपये और स्पेशलाइज्ड अस्पतालों के लिए 25.23 करोड़ रुपये खर्च किए गए. वहीं मल्टी स्पेशियलिटी अस्पतालो पर 89.70 रुपये खर्च किए गए.
बीएमसी पर आरोप लगा था कि उसने कोविड सेंटर को चलाने और चिकित्सा संबंधि सेवाएं देने के लिए गैर-पारदर्शी तरीके से ठेका दिया था.
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