ऑक्सीजन को लेकर पूरे देश में हाहाकार की स्थिति है. दिल्ली में हालात और बदतर होते दिखाई दे रहे हैं. ऑक्सीजन की कमी के कारण एक वरिष्ठ डॉक्टर सहित 12 लोगों की मौत के बाद भी हालात में कोई सुधार नहीं दिखाई दे रहा है. दक्षिणी दिल्ली के महरौली के बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन का स्टॉक पूरी तरह से खत्म हो चुका है. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन ने नए मरीजों की भर्ती पूरी तरह से बंद कर दी है. दिल्ली में कमोबेश सभी अस्पतालों की स्थिति इसी तरह की होती जा रही है.


ऑक्सीजन की किल्लत, मरीजों की शामत


सभी अस्पताल बुरी तरह से ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं. दिल्ली का जयपुर गोल्डन अस्पताल जहां एक सप्ताह पहले आक्सीजन की कमी के कारण 20 लोगों की जान जा चुकी है, वहां एक बार फिर ऑक्सीजन की कमी हो गई है. अस्पताल ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि यहां 150 मरीज ऑक्सीजन के सपोर्ट पर हैं. इनमें से 70 आईसीयू में है. अस्पताल के पास अब केवल 3 घंटे की ऑक्सीजन शेष हैं. ऐसे में ऑक्सीजन की आपूर्ति न होने पर मरीजों की जान को खतरा हो सकता है.


बिन ऑक्सीजन सब सून


इसके अलावा साउथ ईस्ट दिल्ली के विम्हन्स और ट्राइटन हॉस्पिटल,  द्वारका के आकाश हॉस्पिटल, साउथ दिल्ली के सीताराम भरतिया हॉस्पिटल और रेनबो मधुकर हॉस्पिटल ने भी ऑक्सीजन को लेकर मदद मांगी थी. इनमें से कुछ को दिल्ली सरकार ने इमरजेंसी के आधार पर कुछ सप्लाई दी है. बत्रा अस्पताल के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर का कहना है कि उन्होंने सरकार से भी अपनी बात कह दी है कि ऑक्सीजन की कमी के साथ उनके लिए काम करना मुश्किल है. साथ ही लोगों को भी बता दिया गया है कि नए मरीजों की भर्ती नहीं की जा सकती है. दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी का मामला अब अदालत में भी जा चुका है. 


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