नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में कई निजी अस्पतालों के अधिकारी अपने चिकित्सीय ऑक्सीजन स्टॉक को भरने के लिए मदद की गुहार लगाते नजर आए, क्योंकि ऑक्सीजन की कमी के कारण कोरोना वायरस से संक्रमित काफी संख्या में मरीजों की जिंदगी अधर में लटकी हुई है.
रोहिणी में 50 बिस्तरों वाले धर्मवीर सोलंकी अस्पताल के डॉ. पंकज सोलंकी ने कहा कि वह एसओएस कॉल (संकटकालीन संदेश) करके थक चुके हैं और ‘‘हताश महसूस’’ कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अधिकतर समय संकट (ऑक्सीजन का) बना रहता है. अब दस मरीजों के लिए भी व्यवस्था करना कठिन हो रहा है.’’
कई लोगों ने अस्पतालों का सहयोग करने के लिए सोशल मीडिया पर गुहार लगाई है.
आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्डा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने आज दोपहर राजघाट रिस्पॉन्स प्वाइंट से अस्पताल को चार डी-टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर का आवंटन किया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हरेक संकटकालीन संदेश का समाधान करने में हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे. लेकिन दिल्ली सरकार भी एसओएस (संकटकालीन संदेश की गुहार) ही लगा रही है. कृपया हमें आवंटित ऑक्सीजन की पूर्ति करें.’’
बत्रा अस्पताल में कार्यकारी निदेशक सुधांशु बनकटा ने कहा कि वे बिस्तरों की संख्या में और कमी लाने की योजना बना रहे हैं. बत्रा अस्पताल ने रविवार को रोगियों को भर्ती करना बंद कर दिया था.
दक्षिण दिल्ली के इस अस्पताल में शनिवार की दोपहर करीब 80 मिनट तक चिकित्सीय ऑक्सीजन की सुविधा खत्म हो जाने के कारण एक वरिष्ठ चिकित्सक सहित 12 कोविड-19 रोगियों की मौत हो गई थी. उन्होंने कहा, ‘‘हमने बिस्तरों की संख्या 307 से घटाकर 276 कर दी है. ऑक्सीजन के उपभोग को देखते हुए हम इसे कम कर 220 करेंगे.’’
हमदर्द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (एचएएचसी) के एक डॉक्टर ने सोमवार शाम करीब चार बजकर 50 मिनट पर ट्वीट करते हुए कहा कि उनके पास एक घंटे की ऑक्सीजन बची हुई है और उनका आपूर्तिकर्ता अब जीवन रक्षक गैस देने से मना कर रहा है.
डॉक्टर ने ट्वीट किया, ‘‘अंतिम एलएमओ (तरल मेडिकल ऑक्सीजन) आज (सोमवार) सुबह छह बजे मिली थी. कोई सिलेंडर बैकअप नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि 100 से अधिक मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.
डॉक्टर ने आगे कहा कि अस्पताल को 1.4 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन किया गया था, जबकि इसे 3.08 मीट्रिक टन की जरूरत है. बहरहाल, डॉक्टर ने शाम सात बजकर दस मिनट पर ट्वीट किया कि ऑक्सीजन पहुंच गई है और अगर कुछ मिनट की देरी हुई होती तो लोगों की मौत हो जाती.
इस बीच दक्षिण दिल्ली के लाजपत नगर में स्थित आईबीएस अस्पताल ने कहा कि उनके पास छह घंटे की ऑक्सीजन बची है. राष्ट्रीय राजधानी के अस्पताल ऑक्सीजन की कमी को लेकर नियमित रूप से एसओएस संदेश भेज रहे हैं.
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