नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार होने के बाद सीबीआई के उसी मुख्यालय में रात बिताई जिसके उद्घाटन में वह करीब आठ साल पहले शामिल हो चुके थे. सीजीओ परिसर के संकुचित चैंबरों में दशकों तक काम करती रही एजेंसी ने 2011 से चमचमाते कांच और कंक्रीट की बनी शानदार इमारत में काम करना शुरू किया है.


इस इमारत का उद्घाटन 30 अप्रैल 2011 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किया था. उद्घाटन से कुछ दिन पहले सीबीआई ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश कलमाडी को सीडब्ल्यूजी घोटाले में गिरफ्तार किया था, लेकिन कार्यक्रम की वजह से उन्हें नयी इमारत में नहीं रखा गया था.


इस कार्यक्रम में तत्कालीन गृह मंत्री चिदंबरम, कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली, मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल शामिल हुए थे. सीबीआई के तत्कालीन निदेशक ए पी सिंह ने उन्हें इस इमारत का भ्रमण कराया था. उन्होंने उन्हें भवन के कक्ष दिखाए थे. इनमें वह गेस्ट हाउस भी शामिल था जिसमें फिलहाल चिदंबरम को रखा गया है. एजेंसी के कुछ अधिकारियों ने हल्के-फुल्के अंदाज में दावा किया कि भवन का "वास्तु" ठीक नहीं है, क्योंकि यह कब्रिस्तान पर बना हुआ है.


भवन के उद्घाटन के बाद से ही सीबीआई के सभी प्रमुख किसी न किसी विवाद में फंसे रहे हैं. सिंह और उनके परवर्ती रंजीत सिन्हा पर एजेंसी ने मुकदमा दर्ज किया था. जबकि अनिल सिन्हा को कारोबारी विजय माल्या के फरार हो जाने के कारण आलोचना झेलनी पड़ी, वहीं आलोक वर्मा अपने सहयोगी के साथ झगड़े में उलझे और उन्हें अनौपचारिक ढंग से पद से हटा दिया गया.


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