नई दिल्लीः आईएनएक्स मीडिया मामले में आरोपी देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को अगले 3 दिन भी सीबीआई हिरासत में ही गुज़ारने पड़ेंगे. हालांकि यह पी चिदंबरम के लिए ये राहत भरी खबर भी कही जाएगी क्योंकि ऐसा कभी कबार ही होता है जब आरोपी खुद इस बात से खुश हो कि उसको जांच एजेंसी की हिरासत में भेजा जा रहा है क्योंकि पी चिदंबरम के मामले में कुछ ऐसा ही दिख रहा है.
जेल जाने से बचने के लिए चिदंबरम लगा रहे हैं अर्जी
इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि पी चिदंबरम को एक वरिष्ठ वकील होने के नाते बखूबी पता है कि जैसे ही उनकी सीबीआई हिरासत खत्म होगी उनको कानून के हिसाब से तिहाड़ जेल में भेजा जाएगा. इसी वजह से कोशिशें की जा रही है कि जब तक हो सके तिहाड़ ना जाना पड़े. इसी से बचने के लिए पी चिदंबरम की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी भी लगाई गई कि जैसे ही चिदंबरम की पुलिस हिरासत खत्म हो उनको जेल ना भेजकर सीधे जमानत दे दी जाए.
सुप्रीम कोर्ट में 5 सितंबर को आने वाला फैसला चिदंबरम के लिए अहम
पी चिदंबरम की इस अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में 5 सितंबर को आदेश आएगा. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट पी चिदंबरम की तरफ से दायर उस अर्जी पर भी आदेश देगी जिसमें पी चिदंबरम की तरफ से कहा गया है कि अगर एक बार सीबीआई हिरासत खत्म हो जाती है तो दूसरी जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय उनको हिरासत में न ले पाए और यही मांग करते हुए अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई है.
कानून के हिसाब से जांच एजेंसी के जवाब पर तय होता है आरोपी को जमानत देने का फैसला
5 सितंबर को जब पी चिदंबरम की सीबीआई हिरासत का वक्त पूरा हो जाएगा तो फिर एक बार फिर से उनको दिल्ली की राउज़ एवेन्यू अदालत में पेश किया जाएगा. यहां पर अदालत सुप्रीम कोर्ट के आदेश के हिसाब से यह तय करेगी कि क्या पी चिदंबरम की जमानत या अग्रिम जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई करनी है या फिर आमतौर पर जैसे बाकी मामलों में सुनवाई चलती है वैसे. क्योंकि अमूमन जब भी कोई आरोपी जमानत याचिका दायर करता है तो फिर अदालत जांच एजेंसी को नोटिस जारी कर उस पर जवाब देने को कहती है जिसमें कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक का वक्त लग जाता है. जब एक बार जांच एजेंसी अपना जवाब दे देती है उसके बाद अदालत वह देखने के बाद ही तय करती है कि आरोपी को जमानत देनी है या फिर उसकी जमानत खारिज करनी है.
जेल जाने से बचने की कोशिश कर रहे हैं चिदंबरम को गुजारनी पड़ सकती है जेल में रात!
ऐसे में जिस बात से चिदंबरम को डर है यानी कि जेल जाने से उनका वो डर सच भी हो सकता है. इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि पी चिदंबरम को 5 सितंबर की रात दिल्ली की तिहाड़ जेल में भी गुजारनी पड़ जाए. क्योंकि राउज़ एवेन्यू अदालत में शाम करीब 4 बजे पी चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई होनी है और ऐसे में चिदंबरम को अगर सुप्रीम कोर्ट से इतनी राहत भी मिल जाती है कि उनकी अग्रिम जमानत याचिका या नियमित ज़मानत याचिका पर उसी दिन यानी 5 सितंबर को ही सुनवाई भी हो जाए लेकिन फिर भी जांच एजेंसी सीबीआई नियमों का हवाला देकर जवाब देने के लिए कुछ वक्त की मांग जरूर कर सकती है. अदालत अगर जांच एजेंसी की बात को मान लेती है और नोटिस जारी कर जवाब देने का वक्त देती है तो फिर चिदंबरम को कम से कम एक रात जेल में जरूर करानी पड़ सकती है.