नई दिल्लीः एयरसेल-मैक्सिस मामले में सीबीआई की ओर से दायर मुकदमे में अदालत ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को गिरफ्तारी से सात अगस्त तक के लिए आज राहत दे दी. विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओ. पी. सैनी ने आज सुबह चिदंबरम की ओर से दी गयी अर्जी पर सुनवाई करते हुए उनकी अग्रिम जमानत को मंजूरी दी.
सीबीआई ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में 19 जुलाई को दायर चार्जशीट में चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम को नामित किया है. एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश के समक्ष पूरक चार्जशीट दायर किया है, जिसपर 31 जुलाई को सुनवाई होनी है.
सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम ने कैसे 2006 में एक विदेश कंपनी को विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) की अनुमति दे दी जबकि ऐसा करने का अधिकार सिर्फ मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति के पास है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता 3500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस सौदे और 305 करोड़ रुपये के आईएनएक्स सौदा मामले में एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं. एयरसेल-मैक्सिस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक अलग मामले की जांच कर रहे ईडी ने भी चिदंबरम और कार्ति से पूछताछ की है. चिदंबरम और कार्ति दोनों ने ही सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के आरोपों से इनकार किया है.
इसके अलावा सीबीआई ने 19 जुलाई को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम और उनके बेटे कार्ति के खिलाफ एडिशनल चार्जशीट दायर की थी और उन्हें एयरसेल मैक्सिस सौदा मामले में आरोपी बनाया. विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी की पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई. पटियाला कोर्ट 31 जुलाई को चार्जशीट पर विचार करेगी. इस मामले में करीब 18 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी और इनमें कई पूर्व अधिकारियों के नाम शामिल हैं. सीबीआई ने कुल 18 लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया है और इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी और पीसी एक्ट की धारा 7,12 13 (2) के तहत मामला दर्ज किया है.
क्या है एयरसेल-मैक्सिस मामला
साल 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील को मंजूरी देने के लिए कथित तौर पर अनियमितताओं का पता चलने के बाद ईडी ने उनके खिलाफ मामला बनाया था. इन दोनों कंपनियों को 3500 करोड़ रुपये की डील करने के लिए एफआईपीबी मंजूरी दिलाने के पीछे तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम थे और उन्होंने कैबिनेट कमेटी की अनुमति के बिना ही मंजूरी दिला दी थी.