नई दिल्लीः आईएनएक्स मीडिया मामले में आरोपी और देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम अदालत और जांच एजेंसी से गुहार कर रहे हैं कि मुझे जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेजा जाए. लेकिन जांच एजेंसी है कि वह पी चिदंबरम को हिरासत में लेने को तैयार नहीं है. जांच एजेंसी ने कहा कि चिदंबरम नहीं बताएंगे कि कब हिरासत में लेना है या नहीं.


दिल्ली की राउज़ एवेन्यू अदालत में आज जब चिदंबरम की अर्जी पर सुनवाई शुरू हुई जिसमें उन्होंने मांग की थी कि उनको आईएनएक्स मीडिया मामले में जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने जो मामला दर्ज किया है उस मामले में जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया जाए. लेकिन जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने जवाब देते हुए कहा कि फिलहाल अभी ईडी को चिदंबरम की हिरासत की जरूरत नहीं है. ईडी ने कहा कि किसी भी मामले में कब आरोपी को हिरासत में लेना है और कैसे जांच को आगे बढ़ाना है यह आरोपी नहीं तय कर सकता यह जांच एजेंसी तय करेगी. क्योंकि अभी चिदंबरम न्यायिक हिरासत में जेल में है लिहाजा वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं और इस वजह से जांच एजेंसी अभी अपनी जांच को सही ढंग से आगे बढ़ा पा रही है.



अगर पहले गिरफ्तार करना चाहते थे तो अब क्या बदल गया- सिब्बल
पी चिदंबरम की तरफ से पेश हो रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में दलील देते हुए कहा कि अगर जांच एजेंसी पहले सुप्रीम कोर्ट में भी कह चुकी है कि चिदंबरम को गिरफ्तार करना चाहती है तो आखिर अब हिरासत में क्यों नहीं ले रही जबकि वह न्यायिक हिरासत में है. कपिल सिब्बल ने कहा कि जांच एजेंसी जानबूझकर ऐसा कर रही है जिससे कि चिदंबरम को लंबे समय तक जेल में रखा जा सके. जांच एजेंसी चाहती है कि चिदंबरम ज्यादा से ज्यादा वक्त जेल में रहे और जब जमानत मिलने का वक्त है तब इनको और एक बार फिर जेल भेज दें. लिहाज़ा ज़रूरी यह है कि इस मामले की जांच जल्द से जल्द पूरी करें. सिब्बल ने कहा कि जब 20-21 अगस्त को गिरफ्तार करने के लिए तैयार थी तो आखिर अब क्या बदल गया ?


जेल से बाहर निकलने के लिए ईडी की हिरासत में जाने को तैयार !
अदालत चिदंबरम की अर्जी पर शुक्रवार को अपना आदेश सुनाएगी. कानून के जानकारों के मुताबिक चिदंबरम ने अर्ज़ी इस वजह से लगाई है जिससे कि उनको जेल की कालकोठरी से बाहर निकलने का मौका मिल सके क्योंकि अगर जांच एजेंसी उनको अपनी हिरासत में लेती है तो चिदंबरम को जेल में नहीं रहना पड़ेगा जांच एजेंसी की हिरासत में रहना पड़ेगा.


हाईकोर्ट से भी फिलहाल नहीं मिली राहत
इससे पहले पी चिदंबरम ने दिल्ली हाई कोर्ट में भी अर्जी लगा कर जमानत की मांग की थी लेकिन हाईकोर्ट ने चिदंबरम की अर्जी पर सुनवाई करते हुए जांच एजेंसी सीबीआई को नोटिस जारी कर 23 सितंबर तक जवाब देने को कहा है और इस तरह से चिदंबरम हाई कोर्ट से भी राहत नहीं मिल पाई.