नोटबंदी सबसे बड़ा झूठ, कांग्रेस ही संकट सुलझा सकती है : चिदंबरम
कांग्रेस अधिवेशन में पार्टी की आर्थिक नीति पेश करने के बाद चिदंबरम ने कहा, "नोटबंदी से बड़ा कोई झूठ नहीं हो सकता. आरबीआई अभी भी गिनती कर रहा है और उसने हमें नहीं बताया कि कितना पैसा वापस आया."
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने रविवार को नोटबंदी को अबतक का सबसे बड़ा झूठ करार देते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर अर्थव्यवस्था को चौपट करने का आरोप लगाया. कांग्रेस अधिवेशन में पार्टी की आर्थिक नीति पेश करने के बाद चिदंबरम ने कहा, "नोटबंदी से बड़ा कोई झूठ नहीं हो सकता."
उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पर निशाना साधा और कहा कि नवंबर 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक हजार और पांच सौ रुपए के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा के बाद बैंक ने राष्ट्र को नहीं बताया कि उसे विमुद्रीकृत मुद्रा की कुल कितनी रकम वापस मिली.
उन्होंने कहा, "नोटबंदी एक बड़ा झूठ था. आरबीआई अभी भी गिनती कर रहा है और उसने हमें नहीं बताया कि कितना पैसा वापस आया."
नौकरियां पैदा करने में सरकार के विफल रहने पर कांग्रेस नेता ने कहा कि (2004-14) तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान हमने नौकरियों का सृजन किया था.
उन्होंने कहा, "हमने पर्याप्त नौकरियों का सृजन नहीं किया, लेकिन हमने नौकरियों का सृजन किया. लोगों को नौकरियां मिलीं, शिक्षित लोगों को नौकरियां मिलीं, सेवा क्षेत्र में अन्य लोगों को नौकरियां मिलीं."
चिदंबरम ने कहा, "लेकिन बीजेपी ने चार साल में नौकरियों का सृजन नहीं किया. उन्होंने नौकरियों को समाप्त कर दिया, नोटंबदी ने नौकरियों को समाप्त कर दिया, दोषपूर्ण जीएसटी ने नौकरियों को समाप्त किया. चिदंबरम ने कहा कि वर्तमान संकट से केवल कांग्रेस ही देश को बाहर निकाल सकती है."
राहुल गांधी द्वारा दिसंबर में दशकों पुरानी पार्टी का शासन संभालने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "एक नए युवा ऊर्जावान नेतृत्व ने कांग्रेस की कमान संभाली है. हम दोस्तों और सहयोगियों के साथ सत्ता में वापसी करेंगे."
उन्होंने कहा कि 2014 में 766 परियोजनाएं बाधित हुई थीं. जिनकी संख्या 2015 में बढ़कर 816 और 2016 में 893 पहुंच गई. उन्होंने कहा, "आज बहुत-सी परियोजानाएं बाधित हैं. परियोजनाओं को पुनर्जीवित नहीं किया गया, परियोजनाएं शुरू नहीं हुईं, परियोजनाएं रुक गई हैं."
अर्थव्यवस्था की धीमी वृद्धि दर के लिए मोदी सरकार पर निशाना साधा
उन्होंने कहा, "मोदी सरकार को एक मजबूत अर्थव्यवस्था विरासत में मिली थी. भावी पीढ़ियों तक विकास का कार्य जारी रखा जाना चाहिए. हालांकि आज भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक अर्थव्यवस्था से अलग हो चुकी है. वैश्विक अर्थव्यवस्था बढ़ रही है."
चिदंबरम ने कहा कि जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब 14 करोड़ लोगों को गरीबी से ऊपर उठाया गया था, जो एक बड़ी उपलब्धि थी. उन्होंने कहा, "लेकिन भाजपा सरकार ने लोगों को गरीबी की तरफ धकेल दिया. गरीबी रेखा से नीचे वालों की संख्या बढ़ी है."
कांग्रेस नेता ने कहा, "नोटबंदी ने हजारों को गरीबी की ओर धकेल दिया. कतारों में खड़े सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई. जीएसटी ने नौकरियां समाप्त कर दी. जीएसटी ने लोगों को गरीबी की ओर धकेला, कृषि संकट ने किसानों को गरीबी की ओर धकेला और तो और दैनिक मजदूरों को भी गरीबी की ओर धकेल दिया गया."