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पी चिदंबरम बोले- कोई है जो राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय से बाहर करना चाहता है
लद्धाख में सेना के अतिक्रमण से जुड़े दस्तावेज रक्षा मंत्रालय द्वारा अपनी वेबसाइट से हटा देने के बाद विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर हो गया है.
![पी चिदंबरम बोले- कोई है जो राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय से बाहर करना चाहता है P Chidambaram says someone who wants to remove Rajnath Singh from the Ministry of Defense पी चिदंबरम बोले- कोई है जो राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय से बाहर करना चाहता है](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/08/08021723/chidamabramb-1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय द्वारा लद्दाख में चीनी सेना के अतिक्रमण से जुड़े दस्तावेज अपनी वेबसाइट से हटा लेने के बाद विपक्ष अब केंद्र सरकार पर हमलावर हो गया है. पूर्व ग्रह मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिंदबरम ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि कोई है जो राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय से बाहर करना चाहता है.
पी चिदंबरम ने ट्वीट किया, "कोई तो है जो राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय से बाहर करना चाहता है! अन्यथा, रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट चीनी आक्रामकता और भारतीय क्षेत्र पर कब्जे के बारे में सच्चाई क्यों बताएगी?"
कोई तो है जो श्@rajnathsingh को रक्षा मंत्रालय से बाहर करना चाहता है!
अन्यथा, रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट चीनी आक्रामकता और भारतीय क्षेत्र पर कब्जे के बारे में सच्चाई क्यों बताएगी? — P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 7, 2020
इससे पहले राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर निशाना साधा था. राहुल गांधी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, “चीन का सामना करना तो दूर की बात, भारत के प्रधानमंत्री में उनका नाम तक लेने का साहस नहीं है. इस बात से इनकार करना कि चीन हमारी मातृभूमि पर है और वेबसाइट से दस्तावेज़ हटाने से तथ्य नहीं बदलेंगे.’”
दस्तावेज के मुद्दे पर विपक्ष हमलावर रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर एक डॉक्यूमेंट अपलोड किया था. जिसके मुताबिक, लद्दाख के कई इलाकों में चीनी सेना के अतिक्रमण की घटनाएं बढ़ीं. साइट पर अपलोड किए गए इस डॉक्यूमेंट में मंत्रालय ने स्वीकार किया था कि मई महीने से चीन लगातार एलएसी पर अपना अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है.
दस्तावेज के मुताबिक एलएसी यानि लाइन ऑफ एक्युचल कंट्रोल पर चीन की आक्रमकता लगातार बढ़ती जा रही है जो खासतौर से 5 मई को गलवान घाटी में सबसे पहले हुई थी. इस रिपोर्ट में ये भी लिखा गया है कि चीन की तरफ से ‘ट्रांसग्रेशन’ यानि अतिक्रमणता कुगरंग नाला, गोगरा और पैंगोंग-त्सो लेक के उत्तर में 17-18 मई से शुरू हुई थी.
हालांकि यह दस्तावेज बाद में वेबासाइट से हटा दिया गया जिसके बाद से ही विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार पर हमलावर है.
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