नीति आयोग के CEO पर चिदंबरम का कटाक्ष, कहा- टू मच ब्यूरोक्रेसी
अमिताभ कांत की कथित टिप्पणियों पर कटाक्ष करते हुए चिदंबरम ने कहा है कि देश में बहुत अधिक नौकरशाही है. इसके अलावा चिदंबरम ने उत्तर प्रदेश में बनाए जा रहे कानूनों को लेकर भी निशाना साधा है.
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने अब नौकरशाही के मुद्दे को लेकर तंज कसा है. लोकतंत्र के मुद्दे पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की कथित टिप्पणियों पर कटाक्ष करते हुए चिदंबरम ने कहा है कि देश में बहुत अधिक नौकरशाही है. इसके अलावा चिदंबरम ने उत्तर प्रदेश में बनाए जा रहे कानूनों को लेकर भी निशाना साधा है.
चिदंबरम ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर एक ट्वीट किया है. चिदंबरम ने ट्वीट में कहा, "बहुत ज्यादा लोकतंत्र है, एक वरिष्ठ नौकरशाह कहता है. बहुत ज्यादा नौकरशाही है, एक प्रबुद्ध डेमोक्रेट कहता है.' चिदंबरम ने कहा कि नए संसद भवन की नींव उदार लोकतंत्र के खंडहरों पर रखी गई है.
There is too much democracy, laments a senior bureaucrat
There is too much bureaucracy, says an anguished democrat — P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) December 10, 2020
चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश कानून बनाने और अनुप्रयोग करने में सबसे रचनात्मक राज्य है और कौन 'लव जिहाद' नामक अपराध का अविष्कार कर सकता है? यूपी कानून के अनुप्रयोग में और अधिक रचनात्मक है.
UP is more creative in the application of the law. Look at three examples: a) an FIR Is filed without any complaint; b) an FIR is immediately followed by a non-bailable warrant and a threat to seize the property; and c) an arrest is made without an FIR
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) December 10, 2020
यूपी को लेकर चिदंबरम ने तीन उदाहरण देते हुए कहा कि यूपी में बिना किसी शिकायत के एफआईआर दर्ज की जाती है, एफआईआर तुरंत एक गैर-जमानती वारंट हो जाता है और संपत्ति को जब्त करने के लिए धमकी दी जाती है. इसके अलावा बिना किसी प्राथमिकी के गिरफ्तारी की जाती है. यूपी की रचनात्मकता दो नोबेल पुरस्कारों की हकदार है साहित्य (कथा) और शांति के लिए.
अमिताभ कांत ने दिया था ये बयान
बता दें कि नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने हाल ही में कहा था कि भारत में कुछ ज्यादा ही लोकतंत्र है, जिसके कारण यहां कड़े सुधारों को लागू करना कठिन होता है. उन्होंने कहा कि देश को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए और बड़े सुधारों की जरूरत है.
यह भी पढ़ें: पी चिदंबरम ने कहा- पंजाब विधानसभा में बीजेपी विधायकों को कृषि विधेयकों का विरोध करना चाहिए था भारत ऐसा अनूठा संसदीय लोकतंत्र है जहां सवाल करने की अनुमति नहीं है: चिदंबरम