80:20 गोल्ड स्कीम के चलते मुसीबत में घिर सकते हैं पी चिदंबरम
क्या पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने गीतांजलि जेम्स और नीरव मोदी की कंपनियों को मदद करने के लिए मई 2014 में 80:20 गोल्ड स्कीम में फ़ेरबदल किया था?
नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. पहले से ही आईएनएक्स मीडिया मामले में बेटे कार्ति चिदंबरम की ग़िरफ्तारी के बाद सवालों के घेरे में चल रहे चिंदंबरम इस बार 80:20 गोल्ड स्कीम के चलते मुसीबत में घिर सकते हैं. आज संसद की लोक लेखा समिति की उपसमिति की बैठक में सरकार से इस स्कीम से जुड़े सभी तथ्य मुहैया कराने को कहा गया है.
क्या पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने गीतांजलि जेम्स और नीरव मोदी की कंपनियों को मदद करने के लिए मई 2014 में 80:20 गोल्ड स्कीम में फ़ेरबदल किया था? क्या इस फ़ैसले का सीधा फ़ायदा इन कंपनियों को मिला था ? और क्या इस फ़ैसले से सरकारी ख़ज़ाने को करोड़ों रूपये का नुकसान हुआ? आईएनएक्स मीडिया मामले में बेटे कार्ति चिदंबरम की ग़िरफ्तारी के बाद सवालों के घेरे में चल रहे चिदंबरम के लिए ये सवाल आज लोक लेखा समिति की बैठक में उठाए गए.
समिति ने सरकार से 15 दिनों के भीतर इस स्कीम से जुड़े सभी तथ्य और फ़ाइलें मुहैया कराने को कहा है. सूत्रों के मुताबिक इनमें वो फ़ाइलें भी शामिल हैं जिनमें वित्त मंत्री के तौर पर पी चिदंबरम के हस्ताक्षर हैं. दरअसल आज लोक लेखा समिति की इस उपसमिति की बैठक 80:20 गोल्ड स्कीम को लेकर अगस्त 2016 में आई एक सीएजी रिपोर्ट पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी. बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे इस उपसमिति के संयोजक हैं.
आख़िर क्या थी 80:20 गोल्ड स्कीम?
13 अगस्त 2013 को सोना के आयात में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए 80:20 गोल्ड स्कीम लागू किया गया था ताकि चालू खाता में हो रहे घाटे को कम किया जा सके. स्कीम के तहत सोने के आयात की इजाज़त उसी आयातक मिलती जो आयात किए गए कुल सोने का कम से कम 20 फ़ीसदी सोने के आभूषण के तौर पर निर्यात करता. नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद 28 नवंबर 2014 को इस स्कीम को बंद करने का फ़ैसला किया गया. इस स्कीम का पहले जनवरी 2014 और फिर मई 2014 में नवीनीकरण किया गया.
अगस्त 2016 में संसद में पेश किए गए अपने रिपोर्ट में सीएजी ने इस स्कीम में कई ख़ामियां पाईं. सबसे विवादित 21 मई 2014 को वो आदेश रहा जिसमें इस स्कीम को बढ़ाने का फ़ैसला करते हुए केवल 13 कंपनियों को ही सोने के आयात की इजाज़त दी गई. इन कंपनियों में मेहुल चौकसी की गीतांजली जेम्स भी शामिल थीं.
एक आकलन के मुताबिक़ गीतांजली जेम्स ने इस आदेश के बाद 400 किलो सोने का आयात किया. दिलचस्प बात ये है कि चिदंबरम ने इस आदेश पर 16 मई को हस्ताक्षर किए थे जिस दिन लोकसभा चुनाव में एनडीए को प्रचंड बहुमत के साथ जीत मिली थी.
सूत्रों के मुताबिक़ समिति ये जानना चाहती है कि 16 मई को जब चुनाव परिणाम एनडीए के पक्ष में चले गए तो वित्त मंत्री के तौर पर पी चिदंबरम को आख़िर इस आदेश पर हस्ताक्षर करने की जल्दी क्या थी? समिति इसी सवाल के जवाब के लिए इस आदेश से जुड़ी सभी फ़ाइलें खंगालना चाहती है.
सीएजी रिपोर्ट में इस स्कीम के चलते वित्तीय वर्ष 2013-14 और 2014-15 में सरकारी ख़ज़ाने में क़रीब 1 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया था. सबसे दिलचस्प बात ये रही कि सोने के आयात को रोकने के मकसद से शुरू की गई इस स्कीम के लागू होने के बाद सोने के आयात में बढ़ोत्तरी दर्ज़ की गई थी. एक अनुमान के मुताबिक़ 1 रुपया बचाने के लिए सरकार को क़रीब 3.5 रुपये का नुकसान सहना पड़ा था.