Republic Day 2023: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कार विजेताओं के नामों का एलान कर दिया गया है. मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन को पद्म विभूषण से नवाजा गया है. इसी क्रम में ओआरएस के जनक दिलीप महलानाबिस और मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत पद्म विभूषण का सम्मान मिला है. जाकिर हुसैन के चाहने वाले दुनिया भर में फैले हुए हैं.


जाकिर हुसैन का जन्म 8 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था. उनके पिता का नाम अल्लाह रक्खा खान था. जाकिर हुसैन को तबले की जादूगरी की कला उन्हें विरासत में मिली है. उनके पिता भी अपने जमाने के मशहूर तबला वादक रहे हैं. बहुत छोटी सी उम्र में ही उन्होंने तबला बजाना शुरू कर दिया था. 11 साल की उम्र में उन्होंने अमेरिका में अपना पहला कॉन्सर्ट किया था.


इस तरह बदल गई जिंदगी


जाकिर पहले ऐसे भारतीय संगीतकार थे, जिन्हें ‘ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट’ में भाग लेने के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया गया था. इसके बाद उनके करियर को एक नया मोड़ मिला और उन्हें एक बड़ी राह भी मिली. साल 1973 में उनका पहला एलबम ‘लिविंग इन द मटीरियल वर्ल्ड’ लॉन्च हुआ था, जिसने खूब वाहवाही बटोरी. इसके बाद से उनका करियर बुलंदियों को छूने लगा.


जाकिर हुसैन को दो बार ग्रेमी अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है. उनके बारे एक किस्सा मशहूर है. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि जब वो 12 साल के थे तो एक बार अपने पिता के साथ एक कॉन्सर्ट में गए हुए थे, जहां संगीत की दुनिया के कई दिग्गज मौजूद थे. स्टेज पर मौजूद संयोजकों में से एक ने उस्ताद जाकिर हुसैन को स्टेज पर बुलाया और अल्ला रक्खा खान का बेटा होने के नाते उन्होंने हुसैन को 5 रुपये दिए, जो उनके लिए सबसे कीमती तोहफों में से एक था.


जाकिर हुसैन की दो बेटियां


साल 1992 में उनके द प्लेनेट ड्रम और 2009 में ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट के लिए उन्हें 2 ग्रैमी अवॉर्ड मिले थे. इसके अलावा उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण और संगीत नाटक अकादमी से भी नवाजा जा चुका है. जाकिर हुसैन ने साल 1978 में इटैलियन अमेरिकी और कथक नृत्यांगना एंटोनिया मिनेकोला से शादी की, वो इटैलियन अमेरिकी थीं. उनकी दो बेटियां ‘अनीसा’ और ‘इसाबेला कुरैशी’ हैं.


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