Congress-G 23 Rebels: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) को पद्म भूषण (Padma Bhushan) से सम्मानित किए जाने की घोषणा को लेकर बुधवार को अपनी ही पार्टी पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि कांग्रेस को आजाद की सेवाओं की जरूरत नहीं है, जबकि राष्ट्र उनके योगदान को स्वीकार कर रहा है.
सिब्बल के इसी बयान को ट्विटर पर कोट करते हुए असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने गुलाम नबी आजाद की तारीफ की. उन्होंने कहा, ''मैं गुलाम नबी आजाद को कई सालों से जानता हूं. वह प्रतिष्ठित राजनेता, सज्जन और राष्ट्रवादी हैं. आजाद जी को पद्म भूषण प्रदान करने के निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार.''
सरकार की ओर से मंगलवार को पद्म सम्मानों की घोषणा की गई. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद को सार्वजनिक मामलों में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण से नवाजा जाएगा.
सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘‘गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है. बधाई हो भाईजान. यह विडंबना है कि कांग्रेस को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है जबकि राष्ट्र सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को स्वीकार करता है.’’
आजाद और सिब्बल दोनों कांग्रेस के उस ‘जी 23’ का हिस्सा हैं जिसने साल 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में आमूल-चूल परिवर्तन और जमीन पर सक्रिय संगठन की मांग की थी. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी आजाद को बधाई दी. बहरहाल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को आजाद पर कटाक्ष किया.
रमेश ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की ओर से पद्म भूषण सम्मान को अस्वीकार किए जाने को लेकर आजाद पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, ‘‘यही सही चीज थी करने के लिए. वह आजाद रहना चाहते हैं गुलाम नहीं.’’
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