फैजाबाद: फैजाबाद यानी कि अयोध्या के रहने वाले लावारिस लाशों के मसीहा मोहम्मद शरीफ को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा. शरीफ ने इच्छा जताई है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें इस अवॉर्ड से सम्मानित करें. मोहम्मद शरीफ की उम्र लगभग 82 साल है. आज से 27 साल पहले सुल्तानपुर की एक ट्रेन में इनके बेटे की हत्या कर दी गई थी. शरीफ का बेटा किसी मजलूम की इज्जत-आबरू और सम्मान बचाना चाहता था.
मोहम्मद शरीफ के बेटे को पटरी के किनारे फेंक दिया गया था. पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए इनके बेटे की शर्ट के कॉलर के नीचे लगे हुए स्टीकर से शरीफ को ढूंढा और उनके घर पहुंची. उस दिन के बाद से मोहम्मद शरीफ ने तय किया कि कोई भी लावारिस लाश हो उसका अंतिम संस्कार वो करेंगे.
इसी तर्ज पर काम करते हुए लावारिस लाशों के मसीहा के सहयोग में कई लोग भी आने लगे. उन सभी लोगों ने आर्थिक मदद भी की. लेकिन मोहम्मद शरीफ का यह कहना हैं कि मुझे सम्मान की जरूरत नहीं है. मुझे जरूरत है कि इस देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए. और यह समय-समय पर मिलती रहे जिससे काम होता रहे.
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