Padma Vibhushan 2023: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार (25 जनवरी) को पद्म पुरस्कार के नामों की घोषणा कर दी गई है. 2023 के लिए राष्ट्रपति ने 6 लोगों को 'पद्म विभूषण' अवॉर्ड देने की मंजूरी दी है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और मनमोहन सरकार में विदेश मंत्री रहे एसएम कृष्णा को पद्म विभूषण अवॉर्ड दिया जाएगा.
एसएम कृष्णा कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं. एसएम कृष्णा की उम्र 90 वर्ष है. कृष्णा पहले कांग्रेस के साथ लगभग 50 सालों तक जुड़े रहे थे. कर्नाटक के पूर्व सीएम एस. एम. कृष्णा ने 2017 में कांग्रेस का साथ छोड़ कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. पिछले दिनों बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस.एम. कृष्णा ने उम्र का हवाला देते हुए कहा है कि वह धीरे-धीरे सार्वजनिक जीवन से दूरी बना ली और सक्रिय राजनीति से संन्यास लेंगे.
सार्वजनिक जीवन से धीरे-धीरे दूर हो रहा हूं- कृष्णा
कृष्णा ने 4 जनवरी 2023 को मीडिया से कहा, “मुझे पता चला कि मेरे बारे में चर्चा ज्यादा (सार्वजनिक रूप से) नहीं देखी जा रही है, हम सभी को अपनी उम्र के बारे में पता होना चाहिए. 90 साल की उम्र में हम 50 वर्षीय की तरह काम नहीं कर सकते. उम्र के इस पहलू का सम्मान करते हुए, मैं सार्वजनिक जीवन से धीरे-धीरे दूर हो रहा हूं.”
इनको भी मिला पद्म विभूषण
बता दें कि एसएम कृष्णा के अलावा दिवंगत समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव, ओआरएस के जनक दिवंगत डॉ. दिलीप महालनाबिस, संगीतकार जाकिर हुसैन, दिवंगत बाल कृष्ण दोशी और श्रीनिवास वर्धन पद्म विभूषण दिया जा रहा है. 2023 के लिए राष्ट्रपति ने 3 युगल मामलों सहित 106 पद्म पुरस्कारों को प्रदान करने की मंजूरी दी है. सूची में 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्मश्री शामिल हैं. 19 पुरस्कार विजेता महिलाएं हैं.
प्रमुख वोक्कालिगा समुदाय के अनुभवी नेता कृष्णा मांड्या जिले के मद्दुरु तालुक से आते हैं जो ओल्ड मैसूरु क्षेत्र का एक हिस्सा है. वोक्कालिगा समुदाय के प्रभाव वाले ओल्ड मैसूर क्षेत्र में, कमजोर मानी जाने वाली बीजेपी 2023 के विधानसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत हासिल करने के लिए इस इलाके पर ध्यान केंद्रित कर रही है. ऐसे में उनके संन्यास को अहम माना जा रहा है.