नई दिल्ली: केरल के प्रसिद्ध पद्मनाभस्वामी मंदिर ने केरल सरकार के मंदिर की सुरक्षा और रखरखाव पर खर्च हुए 11.7 करोड़ रुपये का भुगतान करने में असमर्थता जताई है. सुप्रीम कोर्ट में मंदिर की अस्थायी प्रशासनिक समिति ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण मंदिर को मिलने वाले दान पर प्रभाव पड़ा है. समिति ने राशि का भुगतान करने के लिए और समय देने की मांग की. अदालत ने कहा कि वह इस समय आदेश पारित नहीं करेगी. शीर्ष अदालत ने कहा कि केरल सरकार ही इस मुद्दे पर फैसला लेगी. मंदिर के अकाउंट की ऑडिट के बारे में अदालत ने कहा कि इसे मिड सितंबर में किया जाएगा.


कोर्ट ने पिछले साल मंदिर के प्रबंधन पर सुनाया था अहम फैसला
गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसले में मंदिर का प्रबंधन करने के लिए शाही परिवार के अधिकार को बरकरार रखा था और कहा था कि राज्य सरकार मंदिर की सुरक्षा और रखरखाव से संबंधित सभी खर्चों का भुगतान करेगी और बाद में मंदिर प्रशासन इसे सरकार को चुकाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिका पर यह फैसला सुनाया था.


अदालत ने बर्षों से बंद पड़ी तिजोरी को खोलने का फैसला भी पूर्व राजपरिवार पर छोड़ दिया था. इस विशाल मंदिर का 18वीं शताब्दी में त्रावणकोर के राजपरिवार ने पुनर्निर्माण कराया था. इस राजपरिवार ने 1947 में भारतीय संघ में रियासत के विलय से पहले दक्षिणी केरल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों पर शासन किया था.


केरल में सबसे ज्यादा एक्टिव केस
मंदिर कोरोना के कारण प्रतिदिन सीमित संख्या में भक्तों को दर्शन की अनुमित दी जा है. फेस मास्क पहनना, हैंड सैनिटाइजर का उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के पालन के साथ-साथ भक्तों को मूर्ति, दीवारों सहित अन्य दूसरी चीजों को छूने की अनुमति नहीं है. गौरतलब है कि केरल में देश में सबसे अधिक एक्टिव केस हैं और इनकी संख्या 64,000 से ज्यादा है. राज्य में अब तक वायरस से करीब 4,000 लोगों की मौत हो चुकी हैं.


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