नई दिल्ली. करतारपुर गलियारे के उद्घाटन के एक दिन पहले तक पाकिस्तान के पलटी मारने का सिलसिला जारी है. पाकिस्तान ने अपने बयान से पलटते हुए करतारपुर गलियारे के उद्घाटन दिवस पर 20 डॉलर की यात्रा फीस वसूलने की सूचना भेजी है. बीते एक सप्ताह में यह चौथा मौका है जब पाकिस्तान से आए बयानों में ना केवल बदलाव हुआ है बल्कि इसको लेकर सिविल और सैन्य महकमों की रस्साकशी भी साफ नजर आ रही है.


सरकारी सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की तरफ से भारत को सूचित किया गया है कि अब 9 नवम्बर को भी 20 डॉलर प्रति यात्री यात्रा की फीस वसूली जाएगी. इससे पहले पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉक्टर फैसल महमूद ने गुरुनानक देव के 550वें प्रकाशपर्व और करतारपुर भावना का हवाला देते हुए तीन रियायतों का ऐलान किया था. इसमें एक ऐलान ये था कि करतारपुर गलियारे के उद्घाटन दिवस यानी 9 नवम्बर और गुरु नानकदेव के प्रकाशपर्व 12 नवम्बर को यात्री शुल्क नहीं वसूला जाएगा.


करतारपुर गलियारे के रास्ते 9 नवम्बर को पहले जत्थे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के अलावा कुछ केंद्रीय मंत्री और अन्य विशिष्ट लोगों समेत 575 से अधिक लोग जा रहे हैं. जाहिर है फीस में छूट के फैसले को किसी पुनर्विचार के बाद बदला गया है. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान का ये पैंतरा बताता है कि शायद पाक फौज को यह ऐलान पसंद नहीं आया. महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने करतारपुर गलियारे के रास्ते आने वाले सिक्ख श्रद्धालुओं को यात्रा दस्तावेज के तौर पर पासपोर्ट की अनिवार्यता खत्म करने का ऐलान किया था.


हालांकि 8 नवम्बर की सुबह पाक सेना प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर की तरफ से कहा गया था कि पासपोर्ट की अनिवार्यता बनी रहेगी. मगर इसके कुछ ही देर बाद ही पाक विदेश मंत्रालय ने गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व में करतारपुर गलियारे से यात्रा करने वालों को पासपोर्ट की अनिवार्यता में छूट देने और यात्री सूची 10 दिन पहले भेजने के प्रावधान में रियायत देने का फैसला किया. सरकारी सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की तरफ से बार-बार बयान बदले जाने के मद्देनजर ही भारत ने द्विपक्षीय समझौते के आधार पर ही चलना मुनसिब समझा. गत 24 अक्टूबर को हुए द्विपक्षीय समझौते में ही पाकिस्तान ने पासपोर्ट और 20 डॉलर के यात्री शुल्क पर मुहर लगाई थी.