ICJ ने जाधव की फांसी पर लगाई अंतरिम रोक, जानें- पाकिस्तान नहीं मानेगा तो क्या होगा?
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नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने भले ही कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर अंतरिम रोक लगा दी है लेकिन पाकिस्तान ने आईसीजे के फैसले को मानने से इनकार कर दिया है. अब यहां सवाल उठता है कि अगर पाकिस्तान आईसीजे के फैसले को नहीं मानता है तो फिर क्या होगा?
कुलभूषण जाधव के मामले में एक तरफ अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने भारत की दलील को मानते हुए उनकी फांसी की सजा पर अंतरिम रोक लगाई, दूसरी तरफ पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय अदालत के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया.
आईसीजे चार्टर के अनुच्छेद 59 में क्या है
पाकिस्तान के रूख से यही लग रहा है कि वो कुलभूषण जाधव के मामले में अंतर्राष्ट्रीय अदालत के फैसले को मानने के मूड में नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है कि भारत के पास विकल्प क्या है? इस सवाल का जवाब तलाशने से पहले आपको बता दें कि आईसीजे चार्टर के अनुच्छेद 59 के मुताबिक इस अदालत का फैसला सभी पक्षों को मानना होता है.
पाकिस्तान के खिलाफ सुरक्षा परिषद में अपील कर सकता है भारत
कुलभूषण जाधव के मामले में भारत और पाकिस्तान दोनों पक्षकार हैं, लिहाजा कानूनी नजरिए से अंतर्राष्ट्रीय अदालत का फैसला पाकिस्तान पर बाध्यकारी है, लेकिन यहां फिर वही सवाल उठता है कि अगर पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय कानून को ठेंगा दिखा देता है तो फिर क्या होगा? इस सूरत में भारत के पास सबसे सशक्त विकल्प है कि वो पूरे मामले को लेकर सुरक्षा परिषद के पास जाए.
यूएन चार्टर के अनुच्छेद 94 के मुताबिक अगर यूएन का कोई सदस्य देश अंतर्राष्ट्रीय अदालत का फैसला नहीं मानता है तो फिर दूसरा पक्ष सुरक्षा परिषद में अपील कर सकता है. सुरक्षा परिषद् सैद्धांतिक तौर पर दुनिया की सबसे मजबूत संस्था है, क्योंकि इसके सदस्य देश अमेरिका, रूस, चीन, इंग्लैंड और फ्रांस हैं.
पाकिस्तान पर फैसला मानने के लिए दबाव डाल सकता है सुरक्षा परिषद
जाहिर है अगर ये पांचों महाशक्तियां कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान पर आर्थिक और दूसरे तरह के प्रतिबंधों का दबाव डाले तो फिर पाकिस्तान को अपना रूख बदलना होगा. सैद्धांतिक तौर पर सुरक्षा परिषद् भले ही पाकिस्तान को झुकने के लिए मजबूर कर सकता है लेकिन व्यावहारिक तौर पर ये आसान नहीं होगा. खासकर सुरक्षा परिषद् के वीटो व्यवस्था और चीन के भारत विरोधी रूख को देखते हुए. ऐसे में भारत सुरक्षा परिषद के साथ साथ दूसरे विकल्पों पर भी विचार कर सकता है.
पाकिस्तान पर कूटनयिक दबाव डाल सकता है भारत
पाकिस्तान पर कूटनयिक दबाव एक दूसरा विकल्प है, जिसपर भारत विचार कर सकता है. ये बात जगजाहिर है कि पाकिस्तान अमेरिका, रूस और सऊदी अरब जैसे देशों की बात टालने से पहले सौ बार सोचता है. अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकारों के मुताबिक कुलभूषण जाधव के मामले में भारत अपने अंतर्राष्ट्रीय संपर्कों से भी पाकिस्तान पर दबाव डलवा सकता है.
कुलभूषण जाधव के मामले में भारत के पास कुछ और विकल्प हैं लेकिन अभी तो सरकार को यही उम्मीद है कि पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय अदालत के न्यायसंगत फैसले को मानेगा और कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाएगा. अगर पाकिस्तान पहले की तरह अपनी जिद पर अड़ा रहता है तो फिर सरकार दूसरे विकल्पों पर भी विचार कर सकती है.
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