कुलभूषण केस: मुद्दई, मुनसिफ और वकील भी होंगे पाकिस्तानी, भारत की 'क्वींस काउंसल' की मांग खारिज
पाकिस्तान की संसद ने उस अध्यादेश की अवधि चार महीने बढ़ा दी है, जो जाधव को अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने की अनुमति देता है
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के मामले में कोई भारतीय वकील या 'क्वींस कांउसल' नियुक्त किए जाने की भारत की मांग शुक्रवार को खारिज कर दी। पाकिस्तान में मौत की सजा का सामना कर रहे नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की सजा पर पुनर्विचार के लिये स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने को लेकर एक भारतीय वकील या ‘क्वींस काउंसल’ को नियुक्त करने की भारत की ओर से बृहस्पतिवार को अपील की गई थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत जाधव की पैरवी के लिए लगातार पाकिस्तान से बाहर का वकील नियुक्त किए जाने की 'अतार्किक मांग' कर रहा है।
उन्होंने कहा, ' हमने भारत को सूचित किया है कि केवल उन वकीलों को पाकिस्तानी अदालतों में उपस्थित होने की अनुमति है जिनके पास पाकिस्तान में वकालत करने का लाइसेंस है। इस परिस्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता।'
उल्लेखनीय है कि ‘क्वींस काउंसल’ एक ऐसा बैरिस्टर या अधिवक्ता होता है, जिसे लॉर्ड चांसलर की सिफारिश पर ब्रिटिश महारानी के लिये नियुक्त किया जाता है। इस महीने के प्रांरभ में पाकिस्तान में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने संघीय सरकार को निर्देश दिया था कि वह भारत को जाधव का प्रतिनिधित्व करने के लिये वकील नियुक्त करने का एक और मौका दे। साथ ही सुनवाई एक महीने के लिये स्थगित कर दी थी।
पाकिस्तान की संसद ने उस अध्यादेश की अवधि चार महीने बढ़ा दी है, जो जाधव को अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने की अनुमति देता है, जैसा करने की अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) द्वारा जरूरत बताई गई थी।
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