कुलभूषण जाधव की अपील के लिए पाक करेगा कानूनी संशोधन
पाक सरकार ने सिविल अदालत में कुलभूषण जाधव की अपील के लिए सैन्य कानून में संशोधन के संकेत दिए हैं.
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नई दिल्ली: पाकिस्तान की कैद में मौजूद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के लिए सिविलियन कोर्ट में अपील का दरवाजा खुला सकता है. पाक सरकार इसके लिए अपने सैन्य कानून में संशोधन कर सकती है. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में प्रकाशित खबरों के मुताबिक पाक सरकार ने सिविल अदालत में कुलभूषण जाधव की अपील के लिए सैन्य कानून में संशोधन के संकेत दिए हैं. सैन्य अदालत से जाधव को मिली सज़ा-ए-मौत के खिलाफ फिलहाल उसके पास सामान्य कोर्ट में अपील का अधिकार नहीं है.
पिछली 17 जुलाई 2019 को दिए फैसले में अंतरराष्ट्रीय अदालत ने अपने फैसले में पाकिस्तान को जाधव के मामले में वियना संधि के उल्लंघन का दोषी करार दिया था. वहीं कुलभूषण को न्यायसम्मत सुनवाई के अधिकार देने के लिए जरूरत पड़ने पर अपने मौजूदा कानूनों में सुधार करने को भी कहा था. बीते माह पाक विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा था कि पाकिस्तान सरकार इस मामले पर आगे की कानूनी और तार्किक कार्रवाई के लिए कदम बढ़ा रहा है.
महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान ने मार्च 2016 में जाधव को भारतीय जासूस बताते हुए गिरफ्तार किया और अप्रैल 2017 में पाक सैन्य अदालत ने सजा-ए-मौत सुना दी थी. हालांकि झूठे आरोपों और कंगारू कोर्ट तरीके से जाधव पर चलाए इस मुकदमे के खिलाफ भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाया था. करीब 30 महीने की कानूनी लड़ाई के बाद अदालत ने पाकिस्तान को वियना संधि के उल्लंघन का दोषी करार देते हुए जाधव के लिए भारत को कांसुलर सम्पर्क मुहैया कराने का आदेश दिया था इसके बाद पाकिस्तान ने जाधव को एक बार कांसुलर सम्पर्क की इजाजत तो दी लेकिन पाबंदियों के साथ.
पाकिस्तान का ताज़ा कदम अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले के दबाव के साथ साथ घरेलू कानूनी मजबूरी का भी फैसला है. पाकिस्तान ने सैन्य अदालतों का गठन दिसम्बर 2014 के पेशावर हमले के बाद 2015 में किया था. इसके बाद 2017 में इनका कार्यकाल अप्रैल 2019 तक बढ़ाया गया था. क्योंकि पाकिस्तानी सैन्य अदालतें अब नागरिक मामलों की सुनवाई नहीं कर सकतीं तो ऐसे में पाकिस्तान को अपने यहां कानूनन सुधार-संशोधन करने मजबूरी भी हो गया था.
हालांकि पाकिस्तान सरकार की तरफ से अभी तक इस बाबत कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया. भारतीय खेमा भी फिलहाल पकिस्तान सरकार की तरफ से आधिकारिक ऐलान और इत्तेला का इंतज़ार कर रहा है जिसके बाद जाधव मामले पर आगे की रणनीति तय हो सकेगी.
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