जम्मू: शुक्रवार देर रात जिस पाकिस्तानी घुसपैठिए को जम्मू के साम्बा सेक्टर में बीएसएफ ने मार गिराया था उसका शव आखिरकार पाकिस्तान ने ले लिया है. दरअसल, घुसपैठिए के शव को पाकिस्तान ने पहले अपना नागरिक मानने से इंकार कर दिया था.
मामला शुक्रवार देर शाम का है जब जम्मू के साम्बा सेक्टर में तैनात बीएसएफ ने मंगू चक गांव के सीमा के पास कुछ हलचल देखी. दरअसल, यह हलचल पाकिस्तानी आतंकियों की थी जो ख़राब मौसम और धुंध की आड़ में सीमा से घुसपैठ करने की फ़िराक में थे.
बीएसएफ सूत्रों की माने तो पाकिस्तान के इशारे पर आतंकियों का एक दल एक गाइड के साथ भारतीय सीमा में घुसने की फ़िराक में था. इस दल को पाकिस्तानी गाइड नियाज़ अहमद की अगुवाई में पाकिस्तान ने घुसपैठ के लिए भेजा था. लेकिन, चौकस बीएसएफ के जवानो ने पाकिस्तान की इस नापाक साजिश को भांपते हुए घुसपैठ की यह कोशिश विफल कर दी और फायरिंग में नियाज़ अहमद मारा गया जबकि बाकि आतंकी भाग खड़े हुए.
जब बीएसएफ ने पाकिस्तानी रेंजर्स को मारे गए नियाज़ अहमद का लेने को कहा तो रेंजर्स ने उसका शव लेने से यह कह कर मना कर दिया कि नियाज़ उनका नागरिक ही नहीं है. सूत्र दावा कर रहे हैं कि साम्बा के मंगूचक के सामने पाकिस्तान का गांव भोपालपुर गांव पड़ता है जो नियाज़ अहमद का गांव भी है. जैसे ही भोपालपुर के गाववालो तक नियाज़ अहमद में फायरिंग में मारे जाने की बात पहुंची तो वहां की आम जनता जिसमे अधिकतर महिलाएं शामिल थी सड़को पर उतर आयीं.
मारे गए नियाज़ अहमद के शव को लेने की मांग कर रहे इन प्रदर्शनकरियो के गुस्से के आगे पाकिस्तान के रेंजर्स बेबस नज़र आये और उन्होंने शनिवार को बीएसएफ के साथ बैठक की और नियाज़ अहमद का शव लेने की गुहार लगायी. इतना ही नहीं बल्कि पाकिस्तानी रेंजर्स ने नियाज़ अहमद को पहले अपना नागरिक न मानने की गलती पर भी माफ़ी मांगी. आखिरकार, शनिवार शाम को नियाज़ अहमद का शव पाकिस्तान को सौंपा गया.
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