गणतंत्र दिवस पर आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में पाक, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आधा दर्जन लॉन्च पैड किए सक्रिय
खुफिया एजेंसी के इस अलर्ट के बाद बीएसएफ ने जम्मू में सांबा और कठुआ में व्यापक एंटी टनलिंग ऑपरेशन चलाएं और इसी ऑपरेशन के दौरान शनिवार सुबह जम्मू के कठुआ जिले में पंचर पोस्ट से कुछ ही दूर पाकिस्तानी टनल मिली.
जम्मू: इस साल गणतंत्र दिवस पर पाकिस्तान भारत में किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने के मक़सद से साजिश रच रहा है. अपनी इन नापाक साजिशों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान ने जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर करीब आधा दर्जन लॉन्च पैड को सक्रिय किया है. इस साल गणतंत्र दिवस पर अपनी नापाक साजिशों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान ने शक्करगढ़ ज़िले को चुना है. शक्करगढ़ पाकिस्तान के चुनिंदा ज़िलों में शुमार है, जहां हाल फिलहाल न केवल आतंकी गतिविधियां बढ़ी हैं, बल्कि इस इलाके में पाकिस्तान ने करीब आधा दर्जन लॉन्चिंग पैड्स को सक्रिय किया है, जहां से पाकिस्तान इस गणतंत्र दिवस पर आतंकियों को भारत में भेजने की फिराक में है.
बीएसएफ की मानें तो पाकिस्तान ने शक्करगढ़ को इसलिए सक्रिय किया है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर होने के साथ-साथ यहां से जम्मू श्रीनगर नेशनल हाईवे और सहना और कुछ अन्य अहम ठिकानों की दूरी महज कुछ किलोमीटर की है, जहां तक घुसपैठ करके पहुंचना आतंकियों के लिए आसान रहता है. खुफिया एजेंसी बीएसएफ को लगातार इस बात से आगाह करती आ रही थी कि पाकिस्तान शक्करगढ़ से घुसपैठ की फिराक में है और इस घुसपैठ को अंजाम देने के लिए वह एक सुरंग का इस्तेमाल कर सकता है.
खुफिया एजेंसी के इस अलर्ट के बाद बीएसएफ ने जम्मू में सांबा और कठुआ में व्यापक एंटी टनलिंग ऑपरेशन चलाएं और इसी ऑपरेशन के दौरान शनिवार सुबह जम्मू के कठुआ जिले में पंचर पोस्ट से कुछ ही दूर पाकिस्तानी टनल मिली. ये टनल पाकिस्तानी जीरो लाइन से करीब डेढ़ सौ मीटर तक अंदर आई है और यह जमीन से करीब 30 फीट नीचे है.
बीएसएफ की मानें तो पाकिस्तान ने अपने बॉर्डर आउट पोस्ट अभियाल डोगरा और किंगरे-दे-कोठे के बीचों बीच से यह टनल खोदी है और पाकिस्तान द्वारा खोदी गई यह टनल करीब 150 मीटर लंबी और 30 फ़ीट गहरी है. बीएसएफ ने दावा किया है कि इस टनल को जीरो लाइन के पास से खोदा गया है, जिससे इस सारी साजिश में आईएसआई और पाकिस्तान की मिलीभगत साबित होती है. बीएसएफ ने दावा किया कि इस टनल को खोदने के लिए न केवल पाकिस्तान ने इंजीनियरिंग की मदद ली है, बल्कि इस सुरंग को बनाने के लिए कुछ विशेषज्ञों की भी सलाह ली गई होगी.
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