Pakistan Afghanistan News: एशिया में पाकिस्तान और अफगानिस्तान जंग के मुहाने पर खड़े नजर आ रहे हैं. हाल ही में पाकिस्तान की ओर से किए गए हवाई हमले का अफगानिस्तान की तालिबान सेना ने बदला लिया है. तालिबान फोर्सेज ने शनिवार को पाकिस्तान के कई इलाकों को निशाना बनाया, जिसकी पुष्टि अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री ने इशारों-इशारों में कर दिया.
तालिबान ने पाकिस्तान को दी चेतावनी
अफगान रक्षा मंत्रालय ने कहा, "दक्षिण-पूर्वी दिशा से बदला लेने के उद्देश्य से सीमा में घुसकर कई ठिकानों को निशाना बनाया गया, जहां अफगानिस्तान पर हमला करने की प्लानिंग हो रही थी." हालांकि रक्षा मंत्री ने इस दौरान पाकिस्तान का नाम नहीं लिया. तालिबान समर्थक मीडिया आउटलेट हुर्रियत डेली न्यूज ने मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि हमलों में 19 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और हिंसा में तीन अफगान नागरिक मारे गए.
पिछले तीन सालों से अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्तों में खटास बढ़ गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर तालिबानी आर्मी के पास ऐसी कौन सी ताकत है कि वह पाकिस्तान को चेतावनी तक दे डाली. अफगानिस्तान पर किए गए हमलों को लेकर पाकिस्तान ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान में आतंक फैला रहे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों को फाइटर प्लेन और ड्रोन के जरीए निशाना बनाया गया.
तालिबान की सैन्य ताकत
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज दुनियाभर की सेनाओं की ताकत को लेकर रिपोर्ट जारी करता है. इस रिपोर्ट के अनुसार तालिबान के पास वर्तमान में एक लाख 50 हजार सक्रिय लड़ाके हैं. इससे पहले साल 2023 तालिबान के सैन्य प्रमुख कारी फसीहुद्दीन फितरत ने अपनी सेना में 50 हजार और लड़ाकों को शामिल करने की बात कही थी. तालिबान ने अब तक अफगानिस्तान के लिए रक्षा बजट का सार्वजनिक रूप से खुलासा नहीं किया है. अफगानिस्तान की सत्ता संभालने के बाद सेना को औपचारिक रूप देने के लिए स्पेशल फोर्स और आठ इन्फैंट्री कोर के अंतर्गत तीन बटालियन की नींव रखी गई.
तालिबान के पास अमेरिका में हेलीकॉप्टर भी हैं
रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान के पास लंबी दूरी तक मार करने वाली तोपें, तीन लाइट एयरक्राफ्ट, बख्तरबंद वाहन और 14 हेलीकॉप्टर हैं. तालिबान के पास अमेरिका में बने ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर भी हैं. साल 2021 में जब अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपनी सेनाओं का वापस बुलाया था तो उस समय तालिबान को हथियारों और सैन्य उपकरणों का एक बड़ा जखीरा मिला था. तालिबान के पास रूस में बने कुछ अटैक हेलीकॉप्टर भी हैं.
अफगानिस्तान के पास इतने हथियार होने के बवाजूद भी पाकिस्तान से मुकाबला करने की उसकी क्षमताओं पर सवाल उठते रहे हैं. कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ ये मानते हैं कि भले तालिबान के पास एक से बढ़कर एक हथियार हों, लेकिन उनके पास इसे चलाने वाले काबिल लोगों की कमी है. अमेरिका और वेस्टर्न कंट्री के सैन्य हथियारों के लिए उच्चस्तरीय तकनीकों की जरूरत होती है. ऐसे हथियारों का इस्तेमाल पारंपरिक हथियारों से अलग होता है. तालिबान इस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ा हुआ है. उसे अपनी सेनाओं को ट्रेनिंग देने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
सैन्य ताकत में पाकिस्तान काफी आगे
पाकिस्तान के सैन्य ताकत की बात करें तो वह हर साल इसे अपग्रेड कर रहा है. थल और वायुसेना दोनों ही मामलों में पाकिस्तान की सेना अफगानिस्तान से काफी आगे हैं. पाकिस्तान चीन से चौथी और पांचवीं पीढ़ी का फाइटर प्लेन खरीदकर एयरफोर्स की ताकत को बढ़ा रहा है. हालांकि इस बात को भी ध्यान में रखना होगा कि तालिबान ने खुद से ताकतवर अमेरिका के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना को हराने का हराया है.
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