ISI ने भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को फंसाने के लिए बिछाया हनीट्रैप का जाल, साजिश नाकाम
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने पाक में मौजूद भारतीय उच्च आयोग के तीनों अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाकर सीक्रेट जानकारियां निकलवाने की कोशिश की. लेकिन वक्त रहते उनको सब समझ आ गया और उन्होंने खुद ही इस बात की जानकारी अपने सीनियर्स को दी.
नई दिल्ली: भारत के खिलाफ पाकिस्तान की एक और नापाक कोशिश नाकाम हुई है. इस बार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने इस्लामाबाद में मौजूद भारतीय उच्च आयोग के तीनों अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाकर सीक्रेट जानकारियां निकलवाने की कोशिश की. लेकिन वक्त रहते उनको सब समझ आ गया और उन्होंने खुद ही इस बात की जानकारी अपने सीनियर्स को दी.
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक तीनों अधिकारियों को फौरन वापस भारत बुला लिया गया था, अब तीनों से पूछताछ की जा रही है. इंटेलीजेंस सूत्रों के मुताबिक फिलहाल वरिष्ठ अधिकारियों को यही लग रहा है कि तीनों सच बोल रहे हैं और पाकिस्तान उनसे किसी तरह की कोई जानकारी निकलवाने में कामयाब नहीं हुआ है.
खबर के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी भारतीय अफसरों के जरिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज हासिल करना चाहते थे. लेकिन वो ऐसा करना में सफल नहीं हो पाए. अधिकारियों को अपने जाल में फंसाने के लिए हुस्न का इस्तेमाल करने की कोशिश की. लेकिन जब इन अधिकारियों को भनक लगी तो इन्होंने भारतीय अधिकारियों को आगाह किया और इसके बाद तीनों को तुरंत दिल्ली वापस बुला लिया गया.
अब इन तीनों अधिकारियों को पाकिस्तान में काम करने के लिए नहीं भेजा जाएगा. इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने अंग्रेजी अखबार को बताया, 'भारतीय अधिकारी पाकिस्तान में भाषा विभाग में काम करते थे और उनका काम भारत से आने वाले महत्वपूर्ण दस्तावेजों का ट्रांसलेशन करना था.''
खुफिया जानकारी निकलवाने के लिए हनी ट्रैप के इस्तेमाल की कोशिश नई नहीं है, पहले भी इस तरह की कोशिशें होती आई हैं.
आपको बता दें कि 2010 में भी ऐसा ही कुछ हुआ था. तब हाई कमीशन की प्रेस डिवीजन में काम करने वाली माधुरी गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था, उन्होंने कथित तौर पर आईएसआई के एक अधिकारी को सीक्रेट डॉक्यूमेंट सौंप दिए थे.