दो प्रेमियों के शवों ने कैसे मिलवाया भारत-पाकिस्तान का हाथ? जानें क्या है मामला
Pakistan India News: उरी में 5 मार्च को एक कपल ने झेलम नदी में छलांग लगा दी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई. पानी के तेज बहाव के कारण उनका शव बॉर्डर पार पाकिस्तान चला पहुंच गया था.

Pakistan India News: बारामूला जिले के उरी में करीब 18 दिन पहले एक कपल ने झेलन नदी में कूद गए थे और तेज बहाव में बहकर दोनों पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चले गए. अब पाकिस्तान ने भारत को इस कपल का शव सौंपा है. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के प्रशासन ने शनिवार (22 मार्च 2025) को उरी में नियंत्रण रेखा पर कमान पोस्ट पुल के जरिए इस कपल के शव सौंपे.
'शादी के लिए नहीं माना परिवार तो झेलम में लगाई छलांग'
मृतकों की पहचान उरी के बसग्रान निवासी मूज अली शाह के बेटे यासिर हुसैन शाह और मोहब्बत खान की बेटी आसिया बानो के रूप में हुई है. कथित तौर पर दोनों एक-दूसरे के प्रेम संबंध में थे और परिवारों की ओर से उनकी शादी से इनकार करने के बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली. अधिकारियों ने बताया कि 20 मार्च को नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास कमान पोस्ट के पास लड़के का शव नदी में तैरता हुआ देखा गया था. एक अधिकारी ने बताया, "पुलिस और बचाव दल ने उसे निकालने का प्रयास किया, लेकिन तेज बहाव के कारण वह सीमा के दूसरी ओर चला गया."
बॉर्डर पार पहुंच गया कपल का शव
लड़के का शव आखिरकार गुरुवार (20 मार्च 2025) शाम को चिनारी (पीओके) से बरामद किया गया, जबकि लड़की का शव पहले ही एलओसी के दूसरी ओर चला गया था और 19 मार्च को छतर में बरामद किया गया. अधिकारियों ने बताया कि इस मामले को एलओसी के दूसरी ओर के प्रशासन के समक्ष उठाया गया है.
एक अधिकारी ने बताया, "आज कमान पोस्ट, उरी में एक बैठक हुई, जिसमें एसडीपीओ उरी, एसएचओ उरी, नायब, तहसीलदार और डॉक्टरों की टीम, भारतीय सेना और मृतकों के माता-पिता और दूसरी ओर के उनके समकक्षों सहित उरी प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे. उरी प्रशासन को अब दोनों शव मिल गए हैं, जो एलओसी के पार बह गए थे."
पाक आर्मी ने भारत को सौंपे शव
नियंत्रण रेखा के पास दुलांजा गांव में 5 मार्च 2025 को झेलम नदी में कूदने के बाद ये लोग दो सप्ताह से अधिक समय से लापता थे. अंतिम संस्कार के लिए शवों को संबंधित परिवारों को सौंप दिया गया है, लेकिन भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के एक साथ आने से एक बार फिर शोकाकुल परिवारों को सांत्वना देने में मदद मिली है.
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