ISI Backed Khalistani Protest in London: ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर हुए खालिस्तान समर्थक प्रदर्शन के दौरान हुई साजिश की जांच एनआईए करेगी. एजेंसी को प्रदर्शन के दौरान हुई साजिश में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के शामिल होने के इनपुट मिले हैं. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआईए से जांच कराने को हरी झंडी दी है.


केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा यूके के गृह कार्यालय के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने के बाद पिछले सप्ताह एनआईए ने दिल्ली पुलिस से जांच अपने हाथ में ली. इस मामले की जांच के लिए एक टीम लंदन भेजने की उम्मीद है.


खालिस्तान समर्थक नेताओं पर होगा फोकस


एजेंसी जांच के दौरान प्रदर्शन का नेतृत्व करने में ब्रिटेन में बसे खालिस्तान समर्थक नेताओं, अवतार सिंह खांडा और वारिस पंजाब दे के मुखिया अमृतपाल सिंह के संदिग्ध हैंडलर की भूमिका का पता लगाएगी. पिछले महीने प्रदर्शन के चार दिन बाद ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने खालिस्तानी लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) से जुड़े खांडा और गुरचरण सिंह व जसवीर सिंह को प्रमुख संदिग्धों के रूप में नामित किया गया था. एजेंसी को इनपुट मिला है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा और आस्ट्रेलिया में बैठे खालिस्तानी नेताओं से कनेक्शन हैं.


एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "लंदन जाने पर एनआईए की टीम भारत विरोधी गतिविधियों में खालिस्तान चरमपंथियों की संलिप्तता और पाकिस्तान में बैठे आकाओं के साथ उनके संबंधों पर जांच को ब्रिटेन के साथ साझा करेगी."


पिछले महीने हुआ था प्रदर्शन


पंजाब में अमृतपाल और उसके समर्थकों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई को लेकर बीती 19 मार्च को लंदन में खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया था. इस दौरान खालिस्तान समर्थकों ने उच्चायोग की बिल्डिंग पर लगे तिरंगे को नीचे खींच लिया और उच्चायोग में तोड़फोड़ का प्रयास किया था. घटना का वीडियो भी सामने आया था जिसमें एक प्रदर्शनकारी उच्चायोग के छज्जे पर चढ़ता दिखाई देता है और फिर भारतीय ध्वज को नीचे खींचता है.


इस घटना को लेकर भारत ने कड़ी नाराजगी जताई थी और दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग के अधिकारियों को तलब किया था. भारत ने ब्रिटेन से ऐसी घटना दोबारा न होने और उच्चायोग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.


पिछले हफ्ते, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने ऐसे तत्वों द्वारा ब्रिटेन की शरण नीति के दुरुपयोग के मुद्दे को ब्रिटेन के गृह विभाग के स्थायी सचिव सर मैथ्यू रायक्रॉफ्ट के सामने उठाया था और ब्रिटिश अधिकारियों से उनकी गतिविधियों की निगरानी करने के लिए कहा था.


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