जम्मू: पाकिस्तान ने इस साल सीमा पर युद्धविराम उल्लंघन के पिछले सालों के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए है. वहीँ, जम्मू कश्मीर सरकार ने सीमावर्ती इलाको में रह रहे गांव वालो को इस गोलीबारी से बचाने के लिए बंकर बनाने के काम भी तेज़ कर दिया है. आतंकियों की घुसपैठ करवाने के मक़सद से पाकिस्तान ने इस साल जुलाई तक जम्मू कश्मीर में सटी एलओसी और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर 2950 से अधिक बार युद्धविराम उल्लंघन किया है, जिसमें 15 आम नागरिको और 8 जवानो की शहादत हो चुकी है.


पाकिस्तान सीमा पर गोलीबारी कर सेना और बीएसएफ की अग्रिम चौकियों और रिहायशी इलाकों को निशाना बना रहा है. जम्मू कश्मीर सरकार ने करीब 2 साल पहले सीमावर्ती गांव के लोगों को पाकिस्तान की फायरिंग से बचाने के लिए सीमा पर बंकर बनाने का काम शुरू किया था. जम्मू के मंडलायुक्त संजीव वर्मा के मुताबिक अब तक 80 प्रतिशत से अधिक बंकर बनकर तैयार हो चुके हैं. उनके मुताबिक अब तक जम्मू में पाकिस्तान से सटी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर जम्मू ज़िले में 1320 प्रस्तावित बंकरो में से 1098 बंकर बन कर तैयार हैं.


वहीं, साम्बा ज़िले में 2130 प्रस्तावित बंकरो में से 1522 बनकर तैयार हैं जबकि कठुआ में 2126 बंकरों में से 1427 तैयार हैं. अगर बात एलओसी की हो तो जम्मू के राजौरी ज़िले में 3141 प्रस्तावित बंकरो में से 2483 बन कर तैयार है जबकि पुँछ ज़िले में 1188 में से 904 बंकर बन कर तैयार हैं.


प्रदेश सरकार ज़रुरत के हिसाब से कम्युनिटी बंकरो और इंडिविजुअल बंकरो को बनाने का काम इस समय कर रही है. हालांकि, सीमा पर इन बंकरो की ज़रुरत पिछले करीब दो दशकों से थी, लेकिन तब की सरकारों ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया. जम्मू के आरएसपुरा के अब्दुल्लियां गांव के अवतार चौधरी ने अपने घर में बंकर 18 साल पहले उस समय बनवाया जब उनके पिता पाकिस्तानी गोली से घायल हो गए.


अशोक चौधरी के मुताबिक उन्होंने यह बंकर 18 साल पहले अपने खर्चे पर बनवाया और उस समय इस बंकर में पूरा गांव शरण लेता था. उनके मुताबिक करीब 18 साल बाद अब गांव में बंकर बनाये जा रहे हैं, जिससे यहां के किसानों और आम जनता को काफी राहत मिलेगी. वहीं, सरकार के इस कदम से जम्मू के सीमावर्ती इलाको में रहने वाले लोग काफी खुश हैं.


इन लोगों का दावा है कि जब पाकिस्तान फायरिंग करता है तो किसी को संभालने का मौका नहीं मिलता और ऐसे में कच्चे मकानों के पास बने यह बंकर किसी वरदान से कम नहीं है. गांव वालों ने सरकार से मांग की है कि पाकिस्तान की इस फायरिंग में उनके पशुओं का भी नुक्सान होता है और अब सरकार को इसकी तरफ भी ध्यान दिया जाना चाहिए.


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