जम्मू-कश्मीर से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाक ने रची मोबाइल टावर वाली साजिश, जानें क्या है पूरा मामला
पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के अंदरूनी इलाकों में नेटवर्क पहुंचाने की फिराक में है ताकि वो अपने सक्रिय आतंकियों से संपर्क में रहे. सीमावर्ती इलाकों में मोबाइल पर पाकिस्तान के करीब आधा दर्जन नेटवर्क दिखाई दे रहे हैं.
जम्मू: जम्मू-कश्मीर में पिछले साल अगस्त से मोबाइल हाई स्पीड इंटरनेट पर जारी प्रतिबंध को प्रदेश में आतंक के खात्मे के लिए ज़रूरी कदम माना जा रहा है. भारत में सक्रिय अपने आतंकियों से बात करने में नाकाम पाकिस्तान ने अब सीमा पर टावर वाली साजिश रच दी है.
जम्मू कश्मीर में अपनी आखिरी सांस गिन रहे आतंकवाद में नई जान फूंकने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और वहां की इमरान खान सरकार ने प्रदेश से सटी अपनी एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर टावर वाली साजिश रच डाली है.
खुफिया एजेंसियों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान की इमरान सरकार ने आईएसआई के इशारे पर जम्मू कश्मीर से सटी एलओसी और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर 38 जगहों पर हाई फ्रीक्वेंसी मोबाइल टावर लगाने के ड्राफ्ट को मंज़ूरी दे दी है.
सूत्रों की मानें तो इन हाई फ्रीक्वेंसी मोबाइल टावर्स से पाकिस्तान जम्मू कश्मीर के अंदरूनी इलाको में भी पाकिस्तानी मोबाइल सिग्नल पहुंचाने की फ़िराक में है ताकि वो वहां सक्रिय अपने आतंकियों से संपर्क में रह सके.
खुफिया सूत्रों ने दावा किया है कि पाकिस्तान की इमरान सरकार ने इन मोबाइल टावर्स को सीमा पर शुरू करने के लिए स्पेशल कम्यूनिकेशन ऑर्गेनाइजेशन यानी एससीओ को निर्देश दिया है.
गौरतलब है कि एससीओ पाकिस्तान की वो दूरसंचार कंपनी है जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर समेत गिलगित और बल्टिस्तान में मोबाइल सेवाएं दे रहा है. सूत्रों ने एबीपी न्यूज़ को बताया है कि पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर से सटी अपनी सीमाओं के साथ लगे इलाकों में 38 साइटों से मोबाइल सिग्नल्स का विश्लेषण भी कर लिया है ताकि जम्मू कश्मीर के अंदर इन पाकिस्तानी मोबाइल सिग्नल्स को उपलब्ध करवाया जा सके.
पाकिस्तान जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में किस तरह से अपने मोबाइल नेटवर्क को बढ़ा रहा है और उसकी टावर वाली साजिश को समझने के लिए एबीपी न्यूज़ ने जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे कुछ इलाकों का दौरा किया.
इन सीमावर्ती इलाकों में जहां भारत के गिने चुने मोबाइल नेटवर्क ही उपलब्ध हैं, वहीं मोबाइल पर पाकिस्तान के करीब आधा दर्जन नेटवर्क दिखाई दे रहे हैं. सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों का दावा है कि कुछ समय पहले तक इन इलाकों में पाकिस्तान के इक्का दुक्का नेटवर्क ही आते थे लेकिन अब पाकिस्तान के सिग्नल तेज़ी से यहां बढ़ रहे हैं. दरअसल, जम्मू कश्मीर में मोबाइल हाई स्पीड इंटरनेट को पिछले साल अगस्त के पहले सप्ताह से रद्द किया गया है. इस कदम का मक़सद प्रदेश में आतंक के खिलाफ जंग को निर्णायक मोड़ पर ले जाना है. प्रदेश सरकार ने साफ़ किया है कि जम्मू कश्मीर में मोबाइल 4 जी का इस्तेमाल आतंकी और उनके समर्थक देश विरोधी गतिविधियों के लिए कर रहे थे. इसके बाद इसे फिलहाल बंद कर दिया गया.
अपने ताज़ा आदेश में प्रदेश गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर के उधमपुर और गांदरबल ज़िलों को छोड़ बाकी सभी ज़िलों में हाई स्पीड इंटरनेट पर 26 नवंबर तक प्रतिबन्ध लगा रखा है. जानकार मानते हैं कि मोबाइल हाई स्पीड इंटरनेट पर लगे प्रतिबन्ध से आतंकियों को बड़ा झटका लगा है और उन्हें सीमा पार बैठे आकाओं से बात करने में दिक्कतें आ रही हैं.
जानकार दावा कर रहे है कि पाकिस्तान की यह टावर वाली साजिश सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी चनौती है. पाकिस्तान की नापाक साजिश को रोकने के लिए भारत सरकार को तुरंत सीमा पर जैमर लगाने की पहल करनी होगी.
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