क्या पाकिस्तान ऐसी मिसाइल बना रहा है, जो अंडमान में इंडियन बेस को निशाना बना सकती है? ये चिंता अमेरिका के उस बयान से उपजी है, जिसमें उसने कहा था कि पाक की लंबी दूरी की मिसाइल साउथ एशिया से बाहर उसको टारगेट कर सकती है. अगर ऐसा है तो ये भारत के लिए बड़े खतरे की बात है. अमेरिका ने 18 दिसंबर को पाकिस्तान के लंबी दूरी के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम पर प्रतिबंध लगाया था. अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी डिप्टी एडवाइजर जॉनाथन फाइनर ने कहा था कि पाकिस्तान ऐसी मिसाइल विकसित कर रहा है, जिसकी रेंज दक्षिण एशिया से बाहर अमेरिका तक हो सकती है.
प्रतिबंधों की घोषणा के बाद अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था कि पाकिस्तान के लंबी दूरी के मिसाइल प्रोग्राम के प्रसार को देखते हुए अमेरिका ने उन चार कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं, जो मिसाइल प्रोग्राम में मदद कर रही हैं. पाकिस्तान की लंबी दूरी की दो मिसाइलें जो सबसे ज्यादा चर्चा में हैं और जिन्हें लेकर अमेरिका ने भी चिंता जताई है, वो शाहीन-3 और अबाबील हैं. हालांकि, पाकिस्तानी एक्सपर्ट्स भी ये बात कह चुके हैं कि पाकिस्तान जो भी मिसाइल बनाता है, उसका मकसद हमेशा भारत से मुकाबला ही होता है.
पाकिस्तानी एक्सपर्ट्स का कहना है कि बैलिस्टिक मिसाइल बनाने के पीछे पाकिस्तान का मकसद किसी और देश से मुकाबला लिए नहीं बल्कि भारत के तेजी से विकसित हो रहे डिफेंस सिस्टम से आगे निकलना है. यूएस सेंक्शन पर एक पाक एक्सपर्ट डॉ. मंसूर अहमद ने कहा कि पाकिस्तान ने अभी तक ऐसी किसी मिसाइल का परीक्षण नहीं किया है, जिसकी मारक क्षमता भारत से बाहर हो. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने अभी तक भारत की तरह कोई इंटरकोन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) नहीं बनाई है, जिसकी रेंज 5 किलोमीटर तक होती है इसलिए अमेरिका की चिंताएं निराधार हैं.
भारत-पाकिस्तान बॉर्डर और अंडमान एंड निकोबार के बीच 2,885 किलोमीटर की दूरी है और जिन दो मिसाइलों ने अमेरिका की नींद उड़ाई हुई है, उनकी रेंज करीब 2,800 किलोमीटर तक है. शाहीन-3 मध्यम-रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है, लेकिन कई रिपोर्ट्स में बताया गया कि इसकी रेंज 2,750 किलोमीटर है, जिससे यह लंबी दूरी पर अपने टारगेट पर हमला कर सकती है. इसको कंवेंशनल और न्यूक्लियर वॉरहेड दोनों के लिए डिजाइन किया गया है. यह टू स्टेज, सॉयल फ्यूल्ड प्रोपलेंट मिसाइल है, जिससे यह तेज गति और कम समय में लंबी दूरी पर हमला करने में सक्षम है. ये ट्रांसपोर्ट इरेक्टर लॉन्चर (TEL) से भी लैस है. टीईएल के वजह से मिसाइल में सर्वाइव करने की पावर ज्यादा होती है और ये छिपकर हमला करने में भी सक्षम है.
पाकिस्तान की दूसरी अबाबील मिसाइल मीडियम रेंज मिसाइल है, जो 2,200 किलोमीटर दूरी तक हमला करने में सक्षम है. ये थ्री स्टेज और सॉयल फ्यूल मिसाइल है. शाहीन-3 की तरह इसको भी न्यूक्लियर वॉरहेड के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें MIRV टेक्नोलॉजी है, जो इसको एक ही समय पर अलग-अलग टारगेट पर हमला करने में सक्षम बनाती है.
अमेरिका को खतरा है कि पाकिस्तान अबाबील और शाहीन सीरीज का विस्तार करने में लगा है. इन चिंताओं के चलते अमेरिका ने उन चार कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, जो बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को बढ़ाने में पाकिस्तान की मदद कर रही हैं. अमेरिका का कहना है कि नेशनल डेवलपमेंट कॉम्पलेक्स (NDC) बैलिस्टिक मिसाइल के लॉन्च और टेस्टिंग के लिए उपकरण दे रहा है. दूसरी कंपनी एफिलिएट्स इंटरनेशनल है, जिस पर एनडीसी और अन्यों के लिए मिसाइल एप्लीकेबल चीजों की खरीद की सुविधा प्रदान करने का आरोप है. इनके अलावा अख्तर एंड संस प्राइवेट लिमिटेड और रॉक साइड एंटरप्राइज पर एनडीसी को इक्विपमेंट भेजने का आरोप लगाते हुए प्रतिबंध लगा दिए गए हैं.
अमेरिका बार-बार पाकिस्तान के मिसाइल प्रोग्राम को लेकर चिंता जताता रहा है और उसने सितंबर-अक्टूबर में भी प्रोग्राम से जुड़ीं विदेशी कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाए थे. हालांकि, पाकिस्तान अमेरिकी प्रतिबंधों को भेदभावपूर्ण और अपनी सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए इसकी आलोचना करता रहा है. 18 दिसंबर को प्रतिबंध लगाते हुए अमेरिका ने कहा था कि पाकिस्तान के लॉन्ग रेंज बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम में शाहीन सीरीज की मिसाइलें भी शामिल हैं.
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