नई दिल्ली: पाकिस्तान अपने आका चीन को खुश करने की नीयत से भारत के खिलाफ एक के बाद एक विध्वंसकारी साजिशें रच रहा है. इसी के तहत पाकिस्तान ने एक बार फिर IED विस्फोट करने की साजिश रची है.


खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत-पाक सीमा पर हो रही गोलीबारी का फायदा उठाकर पाकिस्तान ने 32 किलो से ज्यादा विस्फोटक कश्मीर के सोपोर इलाके में पहुंचा दिया है. इस विस्फोटक को IED के रूप में इस्तेमाल कर लगभग आधा दर्जन से ज्यादा जगहों पर विस्फोट किए जाने की योजना है और उनके निशाने पर केंद्रीय सुरक्षा बलों के काफिले और भीड़भाड़ वाली जगह हैं.


खुफिया सूत्रों के मुताबिक भारत पाक सीमा पर पाकिस्तान आए दिन जो गोलीबारी कर रहा है उसका मकसद भारत से युद्ध करना नहीं है बल्कि इस गोलीबारी की आड़ में भारतीय सीमा में आतंकवादी, हथियार और बारूद पहुंचाना है.


रिपोर्टों के मुताबिक अपने आका चीन को खुश करने के लिए पाकिस्तान हर वह चाल चलना चाहता है, जिससे भारत में कैसे भी कहीं भी आतंकवादी गतिविधि को अंजाम दिया जा सके और इसी के चलते पाकिस्तानी सेना के जनरल बाजवा खुद पिछले दिनों आईएसआई मुख्यालय गए थे, जहां उन्होंने भारत के खिलाफ साजिशों को अमलीजामा पहनाते हुए अपनी तरफ से हरी झंडी भी दी थी.


IED बनाने वाला एक्सपर्ट भी पहुंचा भारत
ताजा खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जो 32 किलो बारूद भारतीय सीमा में सोपोर के पास पहुंचा है, उसके जरिए IED बनवाए जाने की प्लानिंग है और इस काम के लिए बाकायदा एक IED बनाने वाला एक्सपर्ट भी पहुंच चुका है. खुफिया दस्तावेजों पर विश्वास करें तो इस शख्स का नाम शाहीन बताया गया है. शाहीन को इस बारुद के जरिए पांच से ज्यादा IED बनानी हैं. इन IED का इस्तेमाल जहां हो सकता है, उनमें कुपवाड़ा बाईपास, बारामुला हाईवे, बारामुला, हंदवाड़ा रोड और टाउन हॉल रोड से फल मार्केट सोपोर इलाके के साथ-साथ अनेकों भीड़ वाले स्थान भी शामिल हैं.


साफ जाहिर है कि पाकिस्तान कश्मीरियों का साथ देने की जो झूठी बातें प्रचारित करता है, सच्चाई एकदम उसके उलट है. यदि वह कश्मीरियों का साथ देने की बात करता तो कश्मीरियों के इलाके में ही IED ब्लास्ट क्यों करवाता.


खुफिया सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की साजिश में जम्मू कश्मीर के आतंकवादी संगठनों से जुड़े कुछ ओवरग्राउंड वर्कर भी शामिल हैं. खुफिया एजेंसियों को जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक इस IED को बनाने में जो अन्य सामान लगना है जैसे लोहे की छोटी-छोटी गोलियां आदि, यह सब इन्हीं ओवरग्राउंड वर्करों को श्रीनगर से लाना है. खुफिया दस्तावेज बताते हैं कि यही वर्कर आतंकवादियों को केंद्रीय बलों की मूवमेंट की खबरें भी पहुंचाते हैं. साथ ही IED या अन्य घातक विस्फोटक सैन्य बलों के रास्तों के बीच लगवाने के काम मे मदद करते हैं.


फिलहाल होशियारी पंछियों की रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय जांच एजेंसियां इन लोगों की तलाश कर रही हैं और अनेक संदिग्ध लोगों से पूछताछ का काम जारी है.


ये भी पढ़ें:


चीन और पाकिस्तान से तनातनी के बीच इस्लामिक देशों से भारत को झटका, OIC ने बुलाई कश्मीर पर आपात बैठक