नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के फैसले का भारत ने विरोध किया है. पाकिस्तान ने गिलगिट-बाल्टिस्तान को अंतरिम राज्य का दर्जा दिया है. भारत ने इस फैसले का कड़ा विरोध करते हुए दो टूक कहा कि पाक ने असंवैधानिक तरीके से ये दर्जा दिया है और वह गिलगिट-बाल्टिस्तान को खाली करे. इसके साथ ही भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने पीओके पर भी जबरदस्ती कब्जा किया है.
गिलगिट-बाल्टिस्तान भारत का अभिन्न हिस्सा- विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “भारत सरकार पाकिस्तान द्वारा भारतीय क्षेत्र के एक हिस्से में अवैध और जबरन कब्जे के तहत भौतिक परिवर्तन लाने के प्रयास को दृढ़ता से अस्वीकार करती है. मैं दोहराता हूं कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश सहित गिलगिट-बाल्टिस्तान भारत का अभिन्न अंग है."
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास पाकिस्तान के अवैध कब्जे का दावा करते हैं. इस तरह के प्रयासों से इन पाक अधिकृत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के सात दशकों से अधिक समय तक मानव अधिकारों के उल्लंघन और आजादी से वंचित रखने को नहीं छुपाया जा सकता.
अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “1947 में जम्मू कश्मीर के भारत संघ में वैध, पूर्ण और अटल विलय की वजह से तथाकथित ‘गिलगित बाल्टिस्तान’ समेत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं.” उन्होंने कहा, “इन भारतीय क्षेत्रों का दर्जा बदलने के प्रयास के बजाए हम पाकिस्तान से तत्काल अवैध कब्जे को छोड़ने की मांग करते हैं.” बता दें कि पाकिस्तान ने इस महीने के अंत में गिलगिल बाल्टिस्तान में विधानसभा के लिये चुनाव कराने की घोषणा की है.
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