नई दिल्ली: पाकिस्तान द्वारा भारतीय सेना के एक वरिष्ठ सिख सैन्य अफसर के खिलाफ चलाए जा रहे भ्रामक प्रचार के खिलाफ भारतीय सेना ने जमकर खिंचाई की है. भारतीय सेना ने साफ तौर से कहा कि सेना को अपने धर्मनिरपेक्ष ढांचे पर गर्व है. दरअसल, पाकिस्तान की तरफ से पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर झूठा प्रचार किया जा रहा था कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत के आदेश पर डिप्टी चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (ऑपरेशन), लेफ्टिनेंट जनरल तरनजीत सिंह को मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करने के चलते गिरफ्तार कर लिया गया है.


थलसेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा, पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान द्वारा भारतीय सेना के खिलाफ और विशेष रूप से डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री एफेयर्स (डीएमए) में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल तरनजीत सिंह के खिलाफ ‘स्टेट स्पॉन्सर’ दुर्भावनापूर्ण सोशल मीडिया दुष्प्रचार किया जा रहा है.


धर्म-आधारित तनाव फैलाने में नाकाम रहा पाकिस्तान
कर्नल अमन आनंद के मुताबिक, पहले पाकिस्तान ने देश के अंदर धर्म-आधारित तनाव फैलाने की कोशिश की. लेकिन उसमें असफल होने के बाद हताश पाकिस्तान अब भारतीय सेना के भीतर विभाजन करने की कोशिश कर रहा है. लेकिन भारतीय सेना इस तरह के ‘दुष्प्रचार को एक सिरे से खारिज करती है.’


कर्नल अमन आनंद ने बयान जारी कर कहा कि भारतीय सेना एक धर्मनिरपेक्ष संस्थान है और सभी सैन्य अधिकारी और सैनिक अपने अलग-अलग धर्म, जाति, पंथ या लिंग के बावजूद राष्ट्र की सेवा में तत्पर हैं. खुद तरनजीत सिंह ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि जब से डीएमए को स्थापित किया गया है तब से तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के बीच 'ज्वाइंटनेस' देखने को मिल रही है.


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